दिग्विजय सिंह ने शिवराज चौहान और उमा भारती के खिलाफ दायर की याचिका

नई दिल्ली: मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहाना और बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमार भारती की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. दरअसल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने व्यापम घोटाले में भागीदारी को लेकर शिवराज सिंह चौहान और उमा भारती समेत 18 लोगों के खिलाफ चायिका दायर की है. इस याचिका में दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया है कि इन लोगों ने इंदौर थाने एक्सल शीट से छेड़छाड़ की है. इस मामले को लेकर दिग्विजय सिंह ने विशेष जज सुरेश सिंह की अदालत में अपना बयान दर्ज कराया. खास बात यह है कि कपिल सिब्बल और विवेक तन्खा दिग्विजय सिंह का पक्ष रख रहे हैं.

गौरतलब है कि कुछ महीने पहले ही व्यापम घोटाला मामले में सीबीआई संविदा शिक्षा परीक्षा वर्ग-3 में गड़बड़ी के मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी थी. ये चार्जशीट केंद्रीय मंत्री उमा भारती के लिये राहत बनकर आई थी. क्योंकि मामले में उन्हें क्लीन चिट मिल गई है. मामले में एजेंसी ने 83 उम्मीदवारों समेत 95 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. व्यापम घोटाले को लेकर उमा भारती मुखर थीं, लेकिन कांग्रेस ने आरोप लगाया कि संविदा शिक्षा परीक्षा वर्ग-3 में दो उम्मीदवारों की सिफारिश में उमा का नाम भी एक्सेल शीट में है. लेकिन मास्टर माइंड पंकज त्रिवेदी और नितिन मोहिंद्रा ने इस बारे में कुछ नहीं कहा जिससे उमा को क्लीन चिट मिल गई.

मामले में मध्य प्रदेश के गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि 'निश्चित तौर पर सीबीआई ने जो रिपोर्ट दी है, चार्जशीट में नाम नहीं आता है. इस बात को उमा जी भी पहले से कह रही थीं, हम भी कह रहे थे. ये कांग्रेस आरोप लगा रही थी, जिन पर आरोप थे, उन पर सरकार कार्रवाई कर चुकी थी. सीबीआई ने भी लगभग उसी को माना है.'

हालांकि चार्जशीट में 39 नये नामों के अलावा मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा का नाम भी शामिल है. कई सवाल अब भी बरकरार हैं मसलन एसटीएफ को मिली 1350 शिकायतों में सभी को जांच में शामिल क्यों नहीं किया गया. एक्सल शीट में 4 मंत्रियों का ज़िक्र है, बाकी 3 कौन हैं, सियासत के रसूखदारों के बयान क्यों नहीं लिये गये?