राफेल सौदे पर राहुल गांधी का ताज़ा अटैक
दिल्ली: राफेल सौदे पर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के खुलासे के बाद कि भारत सरकार ने ही उन्हें अनिल अंबानी का नाम सुझाया था, पर भारत में अब सियासी घमासान जारी हो गया है. काफी समय से मोदी सरकार पर राफेल में घोटाले का आरोप लगा रही कांग्रेस को फ्रांस्वा ओलांदे के बयान ने मजबूती दी है और अब राहुल गांधी लगातार मोदी सरकार पर हमला बोल रहे हैं. शनिवार को राहुल गांधी ने ताजा ट्वीट कर एक बार फिर से मोदी सरकार को घेरा और पीएम मोदी पर जवानों की शहादत का अपमान करने का आरोप लगाया. बता दें कि राफेल डील को लेकर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने कहा कि अनिल अंबानी के रिलायंस का नाम उन्हें भारत सरकार ने सुझाया था. उनके पास और कोई विकल्प नहीं था. एक फ़्रेंच अखबार को दिए इंटरव्यू में ओलांद ने कहा कि भारत सरकार के नाम सुझाने के बाद ही दसॉल्ट एविएशन ने अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस से बात शुरू की.

शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल सौदे पर ट्वीट कर कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी और अनिल अंबानी ने संयुक्त रूप से रक्षा बलों पर एक लाख 30 हजार करोड़ की 'सर्जिकल स्ट्राइक' की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आपने हमारे जवानों की शहादत का अपमान किया, आपने भारत की आत्मा से धोखा किया है.'

इससे पहले शुक्रवार को राहुल गांधाी ने कहा कि 'पीएम ने बंद दरवाज़ों के पीछे खुद राफेल सौदे की बातचीत की और उसमें बदलाव किए. फ्रांस्वा ओलांद को धन्यवाद, अब हम जान गए हैं कि उन्होंने निजी दिलचस्पी लेकर अरबों रुपये का सौदा दिवालिया अनिल अंबानी के लिए के लिए किया. प्रधानमंत्री ने देश को धोखा दिया. उन्होंने हमारे सैनिकों के खून का अपमान किया है.'

वहीं राफेल के मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल ने भी मोदी सरकार पर हमला बोला और ट्वीट किया, ‘राफेल सौदे पर अहम तथ्यों को छिपाकर क्या मोदी सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में नहीं डाल रही है? मोदी सरकार अब तक जो कहती आ रही है, पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति का बयान बिल्कुल उसके उलट है. क्या देश को और धोखा दिया जा सकता है.’ अरविंद केजरीवाल ने एक और ट्वीट किया- प्रधानमंत्री जी सच बोलिए. देश सच जानना चाहता है. पूरा सच. रोज़ भारत सरकार के बयान झूठे साबित हो रहे हैं. लोगों को अब यक़ीन होने लगा है कि कुछ बहुत ही बड़ी गड़बड़ हुई है, वरना भारत सरकार रोज़ एक के बाद एक झूठ क्यों बोलेगी?

बता दें कि अप्रैल 2015 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस की यात्रा पर गए थे तब फ्रांस्वा ओलांद ही राष्ट्रपति थे. उन्हीं के साथ राफेल विमान का करार हुआ था. '