तेलंगाना में अमित शाह ने अल्पसंख्यकों को आरक्षण का किया विरोध
नई दिल्ली: भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अल्पसंख्यकों को आरक्षण देने का वादा करने पर तेलंगाना में सत्ताधारी तेलंगाना राष्ट्र समिति(टीआरएस) को आड़े हाथों लिया है. शनिवार को तेंलगाना में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के प्रचार अभियान की शुरूआत करते हुए राज्य में टीआरएस पर समय से पहले विधानसभा चुनाव की स्थिति उत्पन्न करने और कथित रूप से चुनावी वादा पूरा नहीं करने के लिए तीखा हमला बोला.शाह ने सवाल किया कि टीआरएस ने समय से पहले चुनाव की स्थिति क्यों उत्पन्न की. उन्होंने पूछा कि क्या उन्हें तय कार्यक्रम के अनुसार अगले वर्ष मई में चुनाव का सामना करने का आत्मविश्वास नहीं था. तेलंगाना में पहले विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ ही अगले वर्ष मई में होने थे. यद्यपि टीआरएस सरकार की ओर से की गई सिफारिश के बाद राज्य विधानसभा को इस महीने के शुरू में भंग कर दिया गया.शाह ने टीआरएस पर हमला बोलते हुए दावा किया कि राज्य सरकार एआईएमआईएम के ‘भय’ से 17 सितम्बर (1948 में जिस दिन तत्कालीन निजाम रजवाड़ा का भारतीय संघ में विलय हुआ था) का जश्न आधिकारिक रूप से नहीं मना रही है.
उन्होंने निजाम शासन के खिलाफ तेलंगाना के लोगों के संघर्ष को याद किया. उन्होंने कहा, ‘‘जो पार्टी आधिकारिक रूप से इस दिवस का जश्न नहीं मना सकती वह तेलंगाना के गौरव की रक्षा नहीं कर सकती है.’’ शाह ने कहा कि भाजपा उस दिन को आधिकारिक रूप से मनाने के लिए प्रतिबद्ध है.उन्होंने वादे के अनुरूप तेलंगाना के गठन के बाद एक दलित को मुख्यमंत्री नहीं बनाने के लिए टीआरएस को आड़े हाथ लिया. शाह ने सवाल किया कि क्या पार्टी आगामी चुनाव के बाद ऐसा करने के लिए तैयार है। उन्होंने अल्पसंख्यकों को 12 प्रतिशत आरक्षण का वादा करने के लिए टीआरएस को आड़े हाथ लिया और कहा कि इससे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण के प्रतिशत में कटौती होगी क्योंकि आरक्षण का प्रतिशत 50 से अधिक नहीं हो सकता.