जस्टिस रंजन गोगोई CJI बनने पर राष्ट्रपति की लगी मोहर
नई दिल्ली: जस्टिस रंजन गोगोई देश के नए मुख्य न्याधीश बनाए गए. सुप्रीम कोर्ट में दूसरे सबसे वरिष्ठ जज जस्टिस रंजन गोगोई 3 अक्टूबर को भारत के मुख्य न्याधीश पद की शपथ लेंगे. बता दें कि वर्तमान चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा का कार्यकाल 2 अक्टूबर को खत्म हो रहा है. कानून मंत्रालय ने एक अधिसूचना में यह जानकारी दी. न्यायमूर्ति गोगोई का कार्यकाल नवंबर, 2019 तक होगा. कुछ दिन पहले ही कानून मंत्रालय ने मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा से अपने उत्तराधिकारी के नाम की अनुशंसा करने को कहा था. कानून मंत्रालय के लिए यह परिपाटी रही है कि वह मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर पूछे कि उनका उत्तराधिकारी कौन होगा.
जस्टिस रंजन गोगोई उन चार जजों में शामिल थे जिन्होंने जनवरी महीने में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह कहते हुए आलोचना की थी कि वह मामलों के आवंटन में सुप्रीम कोर्ट के मास्टर ऑफ द रोस्टर होने के अपने अधिकार का दुरुपयोग कर रहे हैं. वतर्मान में वह असम के नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) मामले की सुनवाई कर रहे हैं. 2012 में सुप्रीम कोर्ट के जज बने जस्टिस गोगोई को मृदुभाषी लेकिन बेहद सख्त जज के रूप में जाना जाता है.
18 नवंबर 1954 को जन्मे रंजन गोगोई ने 1978 में बतौर वकील अपना पंजीकरण कराया. फिर गुवाहाटी हाई कोर्ट में वकालत करने लगे. फिर 28 फरवरी 2001 को वह स्थाई जज बने. 9 सितंबर 2010 को उनका ट्रांसफर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के लिए हुआ. 12 फरवरी 2011 को जस्टिस रंजन गोगोई पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस हुए. फिर 23 अप्रैल 2012 को वह सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त हुए.