नई दिल्ली: भारतीय सेना सैन्‍य साजो-सामान खरीदने के लिए तकरीबन 1.5 लाख नौकरियों को खत्‍म करने पर विचार कर रही है। इससे 5000 से 7000 करोड़ रुपये की बचत की जा सकेगी, जिसका इस्‍तेमाल अत्‍याधुनिक हथियार खरीदने में करने की योजना है। आर्मी के वाइस चीफ लेफ्टिनेंट जनरल शरथ चंद ने मार्च में संसदीय समिति को हथियारों की कमी के बारे में विस्‍तृत जानकारी दी थी।

भारतीय सेना आधुनिक हथियार खरीदने के लिए ऐसे विकल्‍प पर विचार कर रही है, जिसके बारे में शायद ही कभी सोचा गया हो। हथियार की कमी से जूझ रही सेना 1.5 लाख नौकरियों को खत्‍म करने पर विचार कर रही है। इससे बचे पैसे से हथियार खरीदे जाने की योजना बनाई जा रही है। रिपोर्ट की मानें तो इतनी बड़ी तादाद में नौकरियों को समाप्‍त करने से सेना को 5,000 से 7,000 करोड़ रुपये तक की बचत होगी, जिसका इस्‍तेमाल हथियार खरीद में किया जाएगा। साथ ही हथियारों के रख-रखाव पर भी ज्‍यादा खर्च किया जा सकेगा। मौजूदा समय में सेना का कुल बजट 1.28 लाख करोड़ रुपया है। इसमें से 83 फीसद दैनिक खर्च और वेतन में ही खप जाता है। इसके बाद सेना के पाास महज 26,826 करोड़ रुपये बचता है। इंडियन आर्मी इस राशि को नए हथियारों की खरीद और उसके रखरखाव पर खर्च करती है। बदलते सामरिक हालात में सेना इस राशि को बेहद कम मानती है। डेढ़ लाख नौकरियां खत्‍म करने के बाद सेना के पास खर्च करने के लिए 31,826 से 33,826 हजार करोड़ रुपये होंगे। गौरतलब है कि रिटायर्ड जवानों और अधिकारियों के पेंशन के लिए अलग से फंड निर्धारित किया जाता है। बता दें कि सेना के वरिष्‍ठ अधिकारी संसदीय समिति के समक्ष बजट की घोर किल्‍लत की बात उठा चुके हैं। भारत के पास दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सेना है।