नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में आज यानी 10 सितंबर से 40 सरकारी सेवाओं की होम डिलीवरी शुरू हो चुकी है. दिल्ली सरकार का दावा है कि जनता को ऐसी सुविधा दुनिया के किसी भी देश में पहली बार मिल रही है. इन सेवाओं में जाति प्रमाणपत्र बनवाना, शादी का पंजीकरण, ओल्ड ऐज पेंशन, ड्राइविंग लाइसेंस में किसी तरह का बदलाव, लाल डोरा कार्ड बनवाने जैसी सुविधाएं शामिल हैं.

यह सेवा निजी कंपनी के माध्यम से लोगों को मुहैया कराई जाएगी और घर पर सेवा लेने के लिए लोगों 50 रुपये चुकाने होंगे. अगर किसी को यह शर्त मंजूर नहीं हो तो वो अब तक चली आ रही प्रक्रिया के तहत सरकारी केंद्र जाकर भी सेवा ले सकता है.

इस सेवा की जिम्मेदारी टेंडर के माध्यम से उसी कंपनी को दी गयी है जो पासपोर्ट सेवा केंद्र चलाती है. दिल्ली सरकार को उम्मीद है कि कंपनी का रिकॉर्ड देखते हुए लोग इस सेवा से संतुष्ट होंगे. हालांकि सरकार ने किसी भी परेशानी या भ्रष्टाचार की शिकायत के लिए भी प्रावधान रखा है. केजरीवाल सरकार का कहना है कि दिल्ली में इन 40 सेवाओं का इस्तेमाल हर साल 25 लाख लोग करते हैं.

'डोर स्टेप डिलीवरी' योजना में आपके घर के दरवाजे पर मोबाइल-सहायक आएगा और फीस, कागजात के अलावा मशीन से फिंगरप्रिंट्स लेने की सुविधा घर पर मुहैया कराई जाएगी.

सरकार का दावा है कि सर्विसेज देने के लिए घर पर जाने वाला मोबाइल-सहायक जनता की सुविधा के मुताबिक़ तय वक़्त और तारीख़ पर ही पहुंचेगा. साथ ही इससे सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने से मुक्ति मिलेगी और जनता को बिचौलियों से भी छुटकारा मिलेगा. डोर स्टेप डिलेवरी के मुद्दे पर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल अनिल बैजल के बीच लंबी खींचतान चली. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली सरकार इस तरह के फैसले लेने के लिए स्वतंत्र और सक्षम है.