विद्युत सुरक्षा निदेशालय कर्मचारी सहकारी समिति लिमिटेड में लाखों का घोटाला !
समिति बंद,कर्मचारियों अधिकारियों से ली जा रही धनराशि, नही हो रहा कोई भुगतान, छह साल से न आडिट न चुनाव
लखनऊ। विद्युत सुरक्षा निदेशालय कर्मचारी सहकारी समिति लिमिटेड गोमतीनगर में पिछले दो सालों से जिस तरह की गतिविधि अपनाई जा रही है वह किसी बड़े घोटाले का संकेत कर रही है। समिति द्वारा नियमानुसार प्रत्येक सदस्य कर्मचारी अधिकारी से पैसा तो जमा कराया जा रहा है लेकिन भुगतान सेवानिवृति पर भी नही किया जा रहा है। यही नही नियमानुसार समिति के आय व्यय का आडिट भी कई वर्षो से नही कराया गया। यहाॅ तक कि पिछले छह वर्षों से समिति की कार्यकारिणी का चुनाव तक नही कराया गया। भुगतान न होने से नाराज विद्युत सुरक्षा निदेशालय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ पहले भी लिखित रूप से नाराजगी व्यक्त करते हुए, जाॅच की मांग कर चुका है। जबकि इसी सम्बंध में विद्युत सुरक्षा निदेशालय मिनिस्टीरियल एसोसिएशन से समिति में लाखों का गबन होने की आशंका जताते हुए समिति के पूर्ण लेखा जोखा की जाॅच किसी स्वंत्रत एजेंसी से कराने तथा समिति में व्याप्त अनियमिताओं के लिए लिए जिम्मेदार समिति के पदाधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की माॅग करते हुए पहले 20 अगस्त 18 और पुनः 8 सितम्बर 18 को निदेशक विद्युत सुरक्षा का पत्र लिखा है। यही नही विद्युत सुरक्षा निदेशालय मिनिस्टीरियल एसोसिएशन द्वारा समिति की नियमावली और जमाधन, भुगतान सहित कई जानकारी जनसूचना अधिकार के तह्त जनसूचना अधिकारी संजय कुमार पाण्डे से नियमानुसार मांगी थी लेकिन उक्त संयुक्त निदेशक गिरीश कुमार सिंह के दबाव में वह जबाब नही दे रहे है। यही नही कर्मचारी एसोसिएशन ने जन सूचना अधिकार में यह भी पूछा था कि जब सोसायटी का बैंक खाता सीज चल रहा है तो कर्मचारी और अधिकारियों से प्रतिमाह वसूली जाने वाली धनराशि कहा जा रही है।
इस सम्बंध में निदेशक विद्युत सुरक्षा को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि विद्युत सुरक्षा निदेशालय कर्मचारी सहकारी समिति लिमिटेड पिछले लम्बे अरसे से कर्मचारियों और अधिकारियों की वक्ती जरूरत के हिसाब से धन मुहैया कराने, शेयर बेचने का काम कर रही है। लेकिन पिछले दो वर्षो से समिति की गतिविधियाॅ इस लिए संदेह के घेरे में आ गई है, क्योकि समिति कर्मचारियों और अधिकारियों से उनका अंशदान तो वसूल कर रही है, लेकिन सदस्य कर्मचारी अधिकारी को मिलने वाली हिस्सेदारी का भुगतान नही कर रही है। यही नही समिति के सदस्यों को अपनी सेवानिवृत्ति के उपरान्त भुगतान के लिए भटकाया जा रहा है। विद्युत सुरक्षा निदेशालय कर्मचारी सहकारी समिति लिमिटेड के अध्यक्ष के रूप में संयुक्त निदेशक जी.के. सिंह , सचिव उप निदेशक लाल बहादूर गुप्ता,कोषाध्यक्ष व संजीव कुमार, विवेक कुमार गौड, सदस्य आशुतोष कुमार सक्सेना व लम्बे अरसे से इस समिति का संचालन कर रहे है। कर्मचारियों का कहना है कि क्योकि आय व्यय का लेखा जोखा लम्बे अरसे से देख रहे आशुतोष कुमार सक्सेना जल्द ही सेवा निवृत्त होने जा रहे है इसलिए वह जानबूझ कर कर्मचारियों का न तो भुगतान होने दे रहे है न ही समिति की आर्थिक स्थिति से किसी को अवगत करा रहे हैं। बताया जा रहा है कि पिछले लम्बे अरसे इस सोसाइटी की तरफ से जो गतिविधियाॅ अपनाई जा रही है उससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कर्मचारियों और अधिकारियों के जमाधन पर कोई बड़ा हेरफेर होने के कारण पिछले दो सालों से सोसायटी द्वारा पैसा लिया तो जा रहा है लेकिन कर्मचारियों को उनके हक का भुगतान नही किया जा रहा है। सबसे चैकाने वाली बाॅत यह कि निदेशक चिटफंड सोसायटी से पंजीकृत होने के बावजूद निदेशक चिटफंड द्वारा भी सोसायटी द्वारा चुनाव न कराये जाने, आडिट न कराये जाने के बारे में न तो कोई पत्राचार ही किया जा रहा है न ही कोई जाॅच की जा रही है। जबकि जब किसी सोसायटी द्वारा धन का लेनदेन किया जाता है तो उसका समयानुसार प्रतिवर्ष आडिट होना चाहिए।