SC/ST एक्ट पर भिड़ने लगे बीजेपी सांसद
नई दिल्ली: SC/ST एक्ट पर मोदी सरकार की समस्याएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। सवर्ण समाज के ‘भारत बंद’ के ऐलान के साथ ही बीजेपी में भी इस मसले पर आंतरिक कलह बढ़ गई है। पार्टी सांसद ही एक-दूसरे को चेतावनी देने लगे हैं। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने SC/ST एक्ट के कुछ प्रावधानों को निरस्त कर नई व्यवस्था दी थी। मोदी सरकार ने विधेयक के जरिये कोर्ट के निर्णय को निष्प्रभावी कर दिया। केंद्र ने SC/ST कानून के प्रावधानों को पूर्व की तरह बरकरार रखा। सवर्ण समाज ने अब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सत्तारूढ़ बीजेपी के कई सांसदों ने प्रदर्शन का खुलेआम समर्थन करते हुए अत्याचार निवारक कानून की निंदा तक कर डाली है। साथ ही बीजेपी के अंदर भी इस मुद्दे पर तलवारें तन गई हैं। अनुसूचित जाति से आने वाले बीजेपी सांसद उदित राज ने सीधे शब्दों में शीर्ष नेतृत्व को चेतावनी दे डाली है। उन्होंने कहा कि अब SC/ST एक्ट में किसी भी तरह का बदलाव होने पर अनुसूचित जाति के लोग इसका माकूल जवाब देंगे।
‘SC समुदाय अब झुकेगा नहीं, मुकाबला करेगा’: उदित राज ने ट्वीट के जरिये सरकार के साथ ही आलाकमान को भी आगाह किया है। उन्होंने लिखा, ‘उस कानून पर बात होनी चाहिए जिसका कभी दुरुपयोग न हुआ हो। हमलोग (अनुसूचित जाति समुदाय) वर्षों से इस आक्रोश, भय और सनक को सहते आ रहे हैं। लेकिन, अब SC समाज न तो डरेगा और न ही झुकेगा, बल्कि मुकाबला करेगा।’ बता दें कि उदित राज दिल्ली से बीजेपी के सांसद हैं। सुप्रीम कोट्र के फैसले के बाद SC समुदाय ‘भारत बंद’ का ऐलान करते हुए सड़कों पर उतर गया था। प्रदर्शन के दौरान व्यापक पैमाने पर हिंसक घटनाएं हुई थीं।
कलराज मिश्रा का पलटवार: उदित राज का बयान सामने आने के बाद देवरिया से सांसद और बीजेपी के वरिष्ठ नेता कलराज मिश्रा ने पलटवार किया है। उन्हें ब्राह्मण समुदाय का चेहरा भी माना जाता है। कलराज मिश्रा ने अपनी ही सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सद्भावनापूर्ण सामाजिक रिश्ते को बरकरार रखना है तो अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारक कानून के प्रावधानों पर विचार करना पड़ेगा। उन्होंने ट्वीट किया, ‘सामाजिक सौहार्द को बरकरार रखने के लिए SC/ST एक्ट का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। ऐसे में सभी दलों को मिलकर इसके दुरुपयोग को रोकने और सभी वर्ग के हितों के लिए इस पर कानून पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। यह केवल एक दल या सत्तारूढ़ दल की जिम्मेदारी नहीं है।’