इलाहाबाद: परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए सूबे में पहली बार कराई गई लिखित परीक्षा के परिणाम में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने दो ऐसे अभ्यर्थियों को सफल घोषित कर दिया जो परीक्षा में शामिल ही नहीं हुए थे। यही नहीं, परीक्षा में फेल कुल 23 अभ्यर्थियों को पास कर दिया गया। इन 23 में से 20 अभ्यर्थियों ने शिक्षक भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था और इन्हें जिलों का आवंटन भी हो गया। मंगलवार को गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद विभाग में हड़कम्प मच गया।

आननफानन में जिन जिलों में इन 20 फेल अभ्यर्थियों को भेजा गया था वहां के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर इन्हें नियुक्ति पत्र जारी करने से रोक दिया गया है। जिन जिलों में इन फेल अभ्यर्थियों का आवंटन हुआ था उनमें मैनपुरी, अलीगढ़, बाराबंकी, सीतापुर, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, बलरामपुर, मुरादाबाद, जौनपुर, चित्रकूट, बुलंदशहर, गोंडा और मेरठ शामिल हैं।

इन जिलों के जिलाधिकारियों, डायट प्राचार्यों और संबंधित जिले के मंडलीय सहायक बेसिक शिक्षा निदेशकों को भी पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि इन 20 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी न किए जाएं।

उप सचिव बेसिक शिक्षा परिषद स्कन्द शुक्ल की ओर से भेजे गये पत्र में अपरिहार्य कारणों से नियुक्ति पत्र नहीं दिए जाने की बात कही गई है। लेकिन सूत्रों के अनुसार ये वे अभ्यर्थी हैं जो लिखित परीक्षा में फेल थे लेकिन परिणाम में सफल घोषित कर दिए गए।

68500 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में जिन दो अभ्यर्थियों को परिणाम में सफल घोषित किया गया उन्होंने शिक्षक भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन नहीं किया था। सूत्रों के अनुसार यदि ये दोनों ऑनलाइन आवेदन कर देते तो इनके चयन होने से भी कोई रोक नहीं सकता था। इनके अलावा एक अन्य अभ्यर्थी जिसने परीक्षा दी थी लेकिन उसमें फेल होने के बावजूद रिजल्ट में पास कर दिया गया, उसने भी नौकरी के लिए फार्म नहीं भरा था। इस प्रकार परीक्षा में फेल जिन 23 अभ्यर्थियों को पास किया उनमें से 20 ने ही शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन किया था।