मोदी-अमित शाह पंडित दीनदयाल और श्यामाप्रसाद जैसे
राहुल की कैलाश यात्रा के समर्थन में ट्वीट करने वाले पत्रकार तरुण विजय को देनी पड़ी सफ़ाई
नई दिल्ली: बीजेपी के पूर्व सांसद और लेखक-पत्रकार तरुण विजय ने ट्वीट विवाद पर सफाई देते हुए कहा है कि उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट को डिएक्टिवेट कर दिया है और अकाउंट संभालने वाले को हटा दिया है। उन्होंने यह बात भी साझा की है कि उन्होंने ट्विटर हैंडल करने वाले के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी है। तरुण ने बीजेपी में निष्ठा जताते हुए कहा है, “पीएम नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के लिए जिएंगे और मरेंगे। वे लोग हम जैसे छोटे कार्यकर्ता के लिए पंडित दीन दयाल उपाध्याय और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी हैं। मैं और मेरा परिवार दिन-रात काम करेगा। मेरा परिवार बीजेपी के लिए प्राण न्योछावर कर देगा। हममें से किसी को कुछ नहीं चाहिए। यह 2019 से पहले की साजिश है। कृपया मुझे एंटी-बीजेपी तत्वों से बचाइए।”
तरुण विजय का यह बयान तब आया है जब मंगलवार (04 सितंबर) की रात सोशल मीडिया पर वो ट्रोल होने लगे थे और बीजेपी समर्थकों के निशाने पर आ गए थे। आरोप है कि तरुण विजय के ट्विटर अकउंट से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के कैलाश मानसरोवर यात्रा के समर्थन में ट्वीट किया गया। हालांकि, तरुण ने इसे शरारत बताया और कहा कि उनका अकाउंट हैक कर लिया गया था। बाद में उन्होंने उस पोस्ट को डिलीट कर दिया। तरुण के पोस्ट में लिखा गया था कि जो लोग राहुल गांधी की कैलाश यात्रा का मजाक उड़ा रहे हैं और ओछी टिप्पणी कर रहे हैं, उन्हें एक हिन्दू होने के नाते ऐसा नहीं करना चाहिए। ये जो भी है राहुल और शिव के बीच में है, शिव से बड़ा कुछ भी नहीं है। मैं खुद तीन बार कैलाश जा चुका हूं और कैलाश मानसरोवर यात्री संघ का अध्यक्ष रह चुका हूं।
तरुण विजय के अकाउंट से दूसरा ट्वीट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए आया था। इस ट्वीट में लिखा था, “हैलो, तुम इसलिए वहां पर नहीं हो क्योंकि तुम पॉपुलर हो। तुम इसलिए वहां हो, क्योंकि लोग तुम्हारे पीछे हैं। अपने घमंड को दूर करो। हे भगवान, तुम्हें ऐसा लगता है कि तुम पॉपुलर हो।” इन दो ट्वीट के बाद मंगलवार देर रात तरुण विजय ट्रोल होने लगे। बता दें कि विजय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखबार पाञ्चजन्य के संपादक रह चुके हैं और साल 2010 से 2016 तक उत्तराखंड से राज्यसभा के सांसद भी रह चुके हैं।