भारतीय जीवन मूल्यों से ही नये भारत का निर्माण संभव: पूरन सिंह रावत
पुरुषोत्तम मेलकानी स्मृति शिक्षक भूषण सम्मान से सम्मानित हुए शिक्षक
हल्द्वानी: भारतीय जीवन मूल्यों से ही नई पीढ़ी और नये भारत का निर्माण संभव है। भारतीय दर्शन के डॉ राधा कृष्णन के विचारों को नई शिक्षा निति में आत्मसात करनें कि आवश्यकता है ।शिक्षक शाश्वत जीवन मूल्यों को अपने विद्यार्थियों में बीजारोपण करें जिससे आनेवाली पीढ़ी आदर्श नागरिक बन राष्ट्र के पुनर्निर्माण में सहभागी हो । उक्त बातें राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तराखण्ड (संबध अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ) द्वारा रुद्राक्ष वेंकेट सभागार में आयोजित पुरुषोत्तम मेलकानी स्मृति शिक्षक सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि पुलिस महानिरीक्षक कुमायूं के पूरन सिंह रावत ने कहा। उन्होंने आगे कहा की सम्मान से उत्तरदायित्व बढ़ जाता है सम्मान के अनुरूप कार्य करने की । शिक्षा के पाठ्यक्रमों में संस्कार , नैतिकता , राष्ट्रीयता एवं मानवता को शामिल कर ही भारत विश्व का मार्गदर्शन कर सकता है ।
विशिष्ट अतिथि मुख्य शिक्षा अधिकारी ऐ के गुप्ता ने कहा कि शिक्षक छात्रों के लिए रोल मोडल होतें है जो जो समाज को दिशा देतें है । वर्तमान में में व्यावसायिकता के साथ ही मूल्यपरक शिक्षा देने की आवश्यकता है जिससे छात्र समाज में रचनात्मक भूमिका का निर्वाह कर सकें ।
अध्यक्षता करते हुए महासंघ के संरक्षक और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संघ चालक बहादुर सिंह बिष्ट ने कहा संकीर्णताओं -रूढ़ियों को तिलांजलि देकर ही नए भारत का निर्माण संभव है । सुविधाभोगी जिंदगी से आदमी अपने जीवन में नैतिक मापदंडो से खिसककर अति महत्वकांछी जीवन की अंधी दौड़ में शामिल हो गया है। इस बीमारी का इलाज शिक्षक ही कर सकता है । सरकार शिक्षकों के प्रति अपनी भूमिका का निर्वहन करें तभी वह अपने शिष्यों में अच्छे व्यक्तित्व का निर्माण कर सकता है।
महासंघ के उपाध्यक्ष बसंत बल्लभ जोशी ने शैक्षिक महासंघ की स्थापना के समय की परिस्थितियों का जिक्र करते हुए कहा की यह स्वाध्याय -स्वावलम्बन एवं सम्मान की परिकल्पना ले कर चलने वाला यह शिक्षको का यह संगठन वेतन-भत्ते , सेवाशर्तो के साथ -साथ अपने राष्ट्रीय लक्ष्य तथा सामाजिक सरोकार की योजना को क्रियान्वित कर रहा है।
श्री पुरुषोत्तम मेलकानी स्मृति शिक्षक भूषण सम्मान से प्राथमिक-माध्यमिक और उच्च शिक्षा में कार्यरत शिक्षकों को अतिथियों द्वारा स्मृतिचिन्ह एवं अंगवस्त्र द्वारा सम्मानित किया गया । सम्मानित होने वाले शिक्षकों में उच्च शिक्षा संवर्ग से पंतनगर विश्वविद्यालय एलपीएम् विभाग के प्रो वृजेश सिंह, बेरीनाग महाविद्यालय के डॉ लल्न प्रसाद वर्मा, एम् बी पी जी कालेज के डॉ विनय विद्यालंकार, डॉ पूर्णिमा भटनागर, संस्कृत महाविद्यालय की डॉ नवीन चन्द्र जोशी, डॉ कीर्ति बल्लभ और माध्यमिक संवर्ग से लालकुवा इन्टर कॉलेज के रमेश चन्द्र शर्मा, कठघरिया से जमुना प्रसाद गंगवार, आनंद सिंह मेहता, रेखा परगई, पतलोट से आशुतोष साहू, वैहना से गोविन्द राम, लामाचौड से रविन्द्र कुमार उप्रेती, गुनियालेख से महेश नाथ गोस्वामी, धौलाखेदा से भुवन चन्द्र पाण्डेय, बमोरी से पुनीता पाण्डेय, गहना से त्रिलोक तिवारी, गुलर घट्टी से शैलेन्द्र कुमार भट्ट, कुवर पुर से पुष्प कोताल, सरयू प्रसाद, नौकुच्याताल से गोपाल स्वरुप कोहली, धौलाखेडा से सुनीता पाण्डेय, बीना नैनवाल, हरगोविंद सुयाल इन्टर कालेज की नीमा अग्रवाल रहीं ।
सम्मान समारोह का सञ्चालन विपिन चन्द्र पाण्डेय द्वारा किया गया ।आभार ज्ञापन कार्यक्रम संयोजक हीरा बल्लभ पाण्डेय ने किया । जिसमे प्रमुख रूप से प्रांतीय कोषाध्यक्ष कृष्ण चन्द्र बेलवाल, डॉ तनूजा मेलकानी, डॉ प्रभा पन्त, राजेंद्र सिंह चौहान, ललित मोहन धपोला, सम्भाग उपाध्यक्ष अनिल कुमार श्रीवास्तव, लाल सिंह बानी , डॉ विनोद कुमार और डॉ हरनाम सिंह सिंह सहित वभिन्न विद्यालयों और महाविद्यालयों के शिक्षक उपस्थित रहें।