विधानसभा चुनावों में BJP को भारी पड़ेगा क्षत्रिय और ब्राह्मण सभा का विरोध
नई दिल्ली: एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने के लिए बीजेपी ने न केवल संशोधन विधेयक लाने का फैसला किया बल्कि उसे संसद में पास कराने में भी सफल रही. इसके अलावा बीजेपी ने एससी-एसटी वर्ग के सरकारी कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण देने के प्रस्ताव पर भी अपनी सकारात्मक रुख कोर्ट के समक्ष रखा है. बीजेपी के दोनों फैसले आगामी मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में उसके लिए मुसीबत खड़ी कर सकते हैं. दरअसल, केंद्र सरकार के इस फैसले से तीनों राज्यों का सवर्ण वर्ग बीजेपी से खासा नाराज है.
सवर्ण वर्ग की नाराजगी का असर है कि बीते दिनों मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को न केवल काले झंडे दिखाए गए बल्कि उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किए गए. समय के साथ सवर्ण दलों का यह विरोध बीजेपी और कांग्रेस के प्रति बढ़ता जा रहा है. बीजेपी के विरोध को लेकर तमाम सवर्ण संगठनों का कहना है कि बीजेपी ने एक खास वर्ग का वोट हासिल करने के लिए यह कदम उठाया है. वहीं कांग्रेस पार्टी के सभी नेता बीजेपी के इस फैसले पर मूक बने रहे. लिहाजा, आगामी विधानसभा चुनावों में वे दोनों ही राजनीतिक दलों का विरोध करेंगे.
अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष राजेंद्र नाथ त्रिपाठी का कहना है कि इस मसले पर विभिन्न पार्टियों का रुख देखने के बाद महासभा आगामी विधानसभा में नोटा का इस्तेमाल करने की अपीले करेगा. नोटा को लेकर राजेंद्र नाथ त्रिपाठी का तर्क है कि यदि बीजेपी ने इस कानून को संसद में पेश किया है तो दूसरे दलों ने इस कानून का हर्ष ध्वनि से स्वागत किया है. उन्होंने बताया कि इसी मसले पर 20 सिंतबर को महासभा लखनऊ विधानसभा में बड़ा प्रदर्शन करने जा रही है. इसी प्रदर्शन के दौरान तीनों राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर महासभा की रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा.
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमर सिंह भदौरिया ने जी डिजिटल से बातचीत में बताया कि केंद्र सरकार ने संशोधन विधेयक पास कराकर साफ कर दिया है कि बीजेपी में अब सवर्णों के लिए न ही कोई जगह बची है और न ही उन्हें सवर्णों के वोट की जरूरत है. केंद्र सरकार के इस रुख पर रविवार को जयपुर में महासभा के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने बैठक की, जिसमें आगामी विधानसभा चुनावों में बीजेपी का विरोध करने का फैसला किया है. फैसले के तहत, महासभा ने छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनावों में बीजेपी को वोट न देने की अपील की है. बीजेपी के अलावा किसी अन्य दल को वोट देने के लिए क्षत्रिय समाज स्वतंत्र है.