वाम विचारकों की गिरफ़्तारी पर बोले लालू – देश तानाशाही की ओर
पटना: चारा घोटाले में सजायाफ्ता राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने देश के कोने-कोने से 'पांच बुद्धिजीवियों' की गिरफ्तारी को तानाशाही और इमरजेंसी की ओर बढ़ता हुआ कदम करार दिया. बुधवार को पटना एयरपोर्ट पर लालू ने पत्रकारों से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपनी जान पर खतरा जताना ठीक नहीं है और इसका देश की जनता में अच्छा संदेश नहीं गया है.
देश की मौजूदा स्थिति को चिंताजनक बताते हुए लालू यादव ने कहा, "कहां कब कौन गिरफ्तार कर लिया जाएगा, कोई कह नहीं सकता. हम इमरजेंसी की तरफ बढ़ रहे हैं."
लालू ने दावा किया कि एक साजिश के तरह उन्हें, उनके बेटे तेजस्वी, पत्नी राबड़ी और बेटी मीसा को एक के बाद एक कई मुकदमों में फंसाया गया है ताकि यादव परिवार को चुनाव से दूर रखा जाए.
आरजेडी सुप्रीमो ने कहा, "वो (विरोधी) चाहते हैं कि हम फंसे रहें. इसके लिए हमको घेरा जा रहा है ताकि चुनाव पार हो जाए, लेकिन हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है."
बिहार की कानून-व्यवस्था के बारे में पूछने पर लालू यादव ने सीएम नीतीश कुमार की तुलना नीरो से की, जो रोम के जलते समय बांसुरी बजा रहा था. लालू ने महिलाओं के प्रति हिंसा का खास तौर पर जिक्र करते हुए नीतीश सरकार को बुरी तरह विफल करार दिया.
लालू ने कहा कि उनकी तबीयत अभी भी ठीक नहीं है. किडनी और पेट में इन्फेक्शन की शिकायत बताते हुए आरजेडी नेता ने संभावना जताई कि उन्हें रांची इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) में भर्ती कराया जाएगा. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि इस मामले में कोई भी अंतिम फैसला कोर्ट को करना है और वो इसके लिए दबाव नहीं बनाएंगे.