बीमार लालू की नहीं बढ़ी ज़मानत अवधि, करना होगा समर्पण
नई दिल्ली: झारखंड हाईकोर्ट ने शुक्रवार को चारा घोटाला मामले में लालू यादव की अस्थायी जमानत की अवधि बढ़ाने से इनकार कर दिया है. अदालत ने लालू से 30 अगस्त तक समर्पण करने को कहा है. अदालत के इस फैसले के बाद लालू को फिर से जेल जाना पड़ेगा. लालू बीते डेढ़ महीने से एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट में दिल और किडनी की बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती हैं. हालांकि लालू से अस्पताल में जो लोग मिलने आ रहे हैं, उनसे वे बातचीत कर पा रहे हैं.
अस्पताल सूत्रों का कहना है कि लालू यादव की हालत अच्छी नहीं है. उनके दिल की नसों में ब्लॉकेज है और किडनी में भी इन्फेक्शन है. लालू यादव को शुगर और ब्लड प्रेशर की भी शिकायत है जिसके चलते उनके इलाज भी धीमी गति से हो रहा है.
यहां लालू से मिलने के लिए उनके परिजन और नेता अक्सर आते रहते हैं. शुक्रवार की सुबह महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चव्हाण और विधायक नसीम खान ने लालू से मुलाकात की. लालू ने उनसे राजनीतिक चर्चा भी की, लेकिन चव्हाण ने कहा कि यह सिर्फ औपचारिक मुलाकात थी. चव्हाण ने भी यह माना कि लालू की तबीयत ठीक नहीं है और वे कमजोर हैं.
इन सबके बीच अस्पताल प्रशासन ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि अस्पताल प्रशासन कुछ भी बताने के लिए अधिकृत नहीं है. जो भी बोलना होगा, वह लालू का परिवार ही बोलेगा. अस्पताल के सूत्रों का कहना है कि वे सिर्फ इलाज कर सकते हैं, अगर कोई अदालती आदेश आता है तो वे उसका पालन करेंगे.
इधर झारखंड हाईकोर्ट से आए आदेश के बाद लालू के करीबी लोगों का कहना है कि आदेश की कॉपी मिलने के बाद ही वह अस्पताल की रिपोर्ट्स के आधार पर सुप्रीम कोर्ट (SC) जाएंगे और मांग करेंगे कि उन्हें अस्पताल में ही बंदी रखा जाए, ताकि उनका इलाज यहां हो सके.