पाकिस्तान के साथ रचनात्मक वार्ता के लिए भारत तैयार
पीएम मोदी ने पाक वज़ीरे आज़म इमरान को भेजा ख़त
नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान में अपने नवनिर्वाचित समकक्ष इमरान खान को एक पत्र भेज कर कहा है कि भारत उनके देश के साथ रचनात्मक और सार्थक बातचीत का आकांक्षी है। न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक आधिकारिक सूत्रों ने पत्र का हवाला देते हुए बताया कि मोदी ने कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ शांतिपूर्ण पड़ोसी रिश्तों के लिए प्रतिबद्ध है।
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने आतंकवाद से मुक्त दक्षिण एशिया के लिए काम करने की जरूरत पर भी जोर दिया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने इमरान खान को भेजे पत्र में कहा है कि भारत पाकिस्तान के साथ रचनात्मक और सार्थक बातचीत करने का आकांक्षी है। इमरान खान ने बीते शुक्रवार को पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली है।
कांग्रेस ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भयावह बाढ़ का सामना कर रहे केरल के साथ 'सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया और सवाल किया कि जब वह अपने प्रचार-प्रसार के विज्ञापनों पर 5000 करोड़ रुपये खर्च करते हैं तो फिर केरल के लोगों के लिए मात्र 500 करोड़ रुपये क्यों दिए। पार्टी ने यह भी दावा किया कि प्रधानमंत्री ने केरल की बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं किया क्योंकि ऐसा करने से केंद्र को बड़ी राशि देनी पड़ेगी।
पार्टी प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री का रवैया भेदभाव वाला है। वह आज बाढ़ से ग्रस्त से लोगों की जानमाल पर राजनीति कर रहे हैं। दो हजार करोड़ रुपये की अंतरिम राहत की मांग थी, लेकिन 500 करोड़ रुपये ही दिये गये। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री विज्ञान और प्रचार पर जितनी दरियादिली दिखाते हैं उतनी ही दरियादिली केरल के लिए भी दिखानी चाहिए। जब प्रधानमंत्री अपने प्रचार पर 5000 करोड़ रुपये खर्च करते हैं तो फिर केरल को सिर्फ 500 करोड़ रुपये क्यों दिए?
शेरगिल ने सवाल किया कि अगर प्रधानमंत्री करदाताओं के पैसे का इस्तेमाल अपने प्रचार में कर सकते हैं तो फिर देश पूछ रहा है कि केरल के लिए पर्याप्त पैसा क्यों नहीं दिया? उन्होंने कहा कि कांग्रेस की राज्य सरकारों और दूसरी पार्टियों के मुख्यमंत्रियों ने मदद दी है। प्रधानमंत्री ने केरल के लिए जिस प्रकार सौतेला व्यवहार दिखाया है उससे पता चलता है कि 'टीम इंडिया की उनकी बात एक पाखंड है।
उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री ने केरल की बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं किया क्योंकि ऐसे में केंद्र को पैसा खर्च करना होगा। राष्ट्रीय आपदा घोषित करने पर आपदा कोष बनाना पड़ेगा और इसमें 75 फीसदी खर्च केंद्र को देना होगा। दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी ने केरल की बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है।