मोदी सरकार को आयी रघुराम राजन की याद
बढ़ते एनपीए पर जानकारी के लिए संसदीय समिति ने बुलाया
नई दिल्ली: बढ़ती हुई गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के मुद्दे पर अध्ययन कर रही संसद की एक समिति ने रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को पेश होने और इस विषय पर जानकारी देने के लिए कहा है. इससे पहले पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अरविंद सुब्रमण्यम ने एनपीए संकट को पहचानने और इसका हल निकालने का प्रयास करने के लिए भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी की अगुवाई वाली संसद की प्राक्कलन समिति के समक्ष राजन की प्रशंसा की थी.
एक सूत्र ने कहा कि इसके बाद जोशी ने राजन को पत्र लिखकर समिति के सामने उपस्थित होने और उसके सदस्यों को देश में बढ़ते एनपीए के मुद्दे पर जानकारी देने को कहा है. सितंबर 2016 तक तीन साल आरबीआई के गवर्नर रहे राजन फिलहाल शिकागो बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में वित्त मामलों के प्रोफेसर हैं.
एक सूत्र ने कहा कि सुब्रमण्यम ने एनपीए की समस्या की पहचान के लिए राजन की तारीफ की थी जिसके बाद उन्हें पत्र लिखकर आमंत्रित किया गया. सुब्रमण्यम ने पिछले महीने सीईए के नाते समिति के सामने बड़े कर्जों की भरपाई नहीं होने के मुद्दे पर जानकारी रखी थी.
हालांकि, उन्होंने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया था कि किसने और किस तरह लोन देने को प्रभावित किया गया था. सुब्रमण्यम ने यह भी कहा था कि बैंककर्मियों में डर का माहौल है और वे अब कर्ज देने में हिचक रहे हैं. पैनल ने वित्त मंत्रालय के आला अधिकारियों जैसे वित्त सचिव हसमुख अधिया और बैंकों के बड़े अधिकारियों से डूबे हुए कर्ज के बारे में पहले ही सवाल कर लिए थे.
पैनल के सदस्यों ने बड़े लोन पास करने से बैंकों की बोर्ड मीटिंग की डिटेल भी मांगी थी. बता दें कि बैंकिंग सेक्टर डूबे हुए कर्ज से बुरी तरह जूझ रहा है. बैंकों का एनपीए 8 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का हो गया है.