लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव का होटल एक बार फिर विवादों में आ गया है. लखनऊ के हजरतगंज में बनने वाले इस होटल को लेकर एक जनहित याचिका पर शनिवार को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने होटल के निर्माण पर रोक लगा दी है. वहीं हाईकोर्ट ने इस मामले को स्वत: संज्ञान लेने का आश्वासन देते हुए याचिकाकर्ता अधिवक्‍ता शिशिर चतुर्वेदी को सुरक्षा मुहैया कराने के भी निर्देश दिए हैं. इस मामले की अगली सुनवाई 5 सितंबर को होगी.

इस मामले में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, सांसद डिंपल यादव, सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव, जनेश्वर मिश्र समेत कुल 13 लोगों को पार्टी बनाया गया है. बता दें कि याचिकाकर्ता अधिवक्‍ता शिशिर चतुर्वेदी ने यह याचिका 17 अगस्‍त 2018 को दाखिल की थी, जिस पर आज सुनाई हुई है. इस याचिका में कहा गया था कि होटल केा हाई सिक्‍योरिटी जोन में बनाया जा रहा है.

अधिवक्‍ता ने आरोप लगाया है कि उसके ऊपर पीआईएल वापस लेने का भी दबाव बनाया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक अखिलेश यादव ओर डिंपल यादव ने होटल के नक्‍शे को लेकर लखनऊ विकास प्राधिकरण में आवेदन किया है.

अखिलेश यादव और डिम्पल यादव के नाम पर 1 ए विक्रमादित्य मार्ग पर 2005 में 39 लाख रूपए में जमीन खरीदी थी. अब इसकी कीमत करोड़ों में पहुंच चुकी है. अखिलेश और डिंपल दोनों मिलकर इस जमीन पर होटल बनाना चाहते हैं. जिसका नक्शा पास कराने के लिए एलडीए से परमिशन मांगी थी. अब यह फाइल एलडीए के टाउन प्लानर के पास है. हालांकि यह होटल वीआइपी एरिया में बनना है और पीछे ही सीएम आवास है इसलिए सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह होटल सिर्फ दो मंजिला ही बन सकता है.