स्वतंत्रता के 72वें वर्ष को संकल्प सिद्धि के रूप में मनायें: राम नाईक
राज्यपाल ने स्वतंत्रता दिवस पर राजभवन में झण्डा फहराया
लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज 72वें स्वतंत्रता दिवस पर राजभवन में झण्डारोहण किया तथा पुलिस गार्ड की सलामी ली। इस अवसर पर राजभवन के समस्त अधिकारी, सुरक्षाकर्मी एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे।
राजभवन में झण्डारोहण के बाद राज्यपाल ने शहीदों को नमन करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश ने देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सिंहावलोकन करने की आवश्यकता है कि आजादी का लाभ आम आदमी तक पहुंचा है कि नहीं। स्थिति का आकलन करके नये संकल्प के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के 72वें वर्ष को संकल्प सिद्धि के रूप में मनायें तथा उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम प्रदेश बनाने का प्रयास करें।
राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस का आयोजन करके प्रदेश को नई पहचान दी है। इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से उत्तर प्रदेश में रूपये 4.28 लाख करोड़ के निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुये। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में रूपये 60 हजार करोड़ की निवेश परियोजनाओं की नींव रखी तथा राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ योजना का शुभारम्भ किया जिसमें रूपये 1,006 करोड़ के ऋण वितरित किये गये। उन्होने कहा कि इन महती योजनाओं को धरातल पर उतारना हम सबकी जिम्मेदारी है क्योंकि उत्तर प्रदेश बढ़ेगा तो देश बढ़ेगा।
राज्यपाल ने पौधा लगाकर वृक्षारोपण अभियान का शुभारम्भ किया
देश के स्वतंत्रता दिवस की 71वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक दिन में पूरे प्रदेश में 9 करोड़ वृक्षारोपण के राज्य सरकार के विशेष अभियान का शुभारम्भ पहला पौधा रोपकर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक द्वारा किया गया। गोमती रिवर फ्रंट पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राज्यपाल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि देश की आजादी के 71 वर्ष पूरे हो गये हैं। 72 वर्ष में प्रवेश करना अपने आप में एक मंगल प्रसंग है। अवसर को स्मरणीय बनाने के लिए बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण प्रदेश के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। पूरे प्रदेश में 9 करोड़ पौधे लगाना आसान नहीं है। यह कार्य गोवर्धन पर्वत उठाने जैसा काम है जिसे उत्तर प्रदेश के लोगों को करना होगा। उन्होंने कहा कि संकल्प पूरा करना ही पुरूषार्थ होता है।