केवल कह देने भर से सामाजिक न्याय नहीं मिलता: अखिलेश
लखनऊ: समाजवादी पार्टी दफ्तर पर स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने झंडा फहरा कर आजादी का जश्न मनाया. मुलायम सिंह यादव ने कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया. इस अवसर पर पार्टी दफ्तर में पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे. अखिलेश यादव के साथ नेता प्रतिपक्ष विधान परिषद अहमद हसन, नेता प्रतिपक्ष विधान सभा रामगोविन्द चौधरी, सपा मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी सहित तमाम पदाधिकारी मौजूद रहे.
इस मौके पर अखिलेश यादव ने कहा कि देश की आजादी के लिए न जाने कितने लोगों ने बलिदान दिया. आज हम उन सभी लोगों को याद करते हैं, जिनकी वजह से हमें आजादी मिली. उन्होंने कहा कि ये हमारी और आपकी जिम्मेदारी है कि जिन सपनों को लेकर आजादी की लड़ाई लड़ी गई, उन्हें पूरा करें.
अखिलेश यादव ने कहा कि आज मौका है कि हम उन देशों से तुलना करें, जो 70 साल में कितना आगे चले गए. दूसरे देश कहां पहुंच गए. हम उनके मुकाबले पर कहां खड़े हैं. अखिलेश यादव ने कहा कि मुझे खुशी है कि आज प्रधानमंत्री ने दोबारा संकल्प लिया है कि हम सामाजिक न्याय दिलाने का काम करेंगे. लेकिन केवल कह देने से शायद सामाजिक न्याय नहीं मिलेगा. अखिलेश ने कहा कि अभी तक हमारे लोगों की गिनती ही नहीं हुई है. जब तक हमारी गिनती न हो जाए तब तक हमें सामाजिक न्याय नहीं मिल सकता.
शिक्षा, नौकरी रोजगार के क्षेत्र में हम कहां खड़े हैं. टेक्नोलॉजी की बात हो रही है. अखिलेश यादव ने कहा कि ऐसा नहीं है कि हमारे ये अच्छे उदाहरण नहीं हैं. लेकिन जिस तरह से सभी को लाभ मिल जाना चाहिए था, वह शायद हमें अभी नहीं मिल पाया.
अखिलेश ने कहा कि पैदावार के बारे में कहा गया कि देश में एमएसपी लागू है लेकिन एमएसपी मिलेगी कैसे? ये कोई नहीं जानता. बिना एमएसपी के किसान खुशहाल नहीं हो सकता. अखिलेश ने कहा कि आज हमारा देश जहां खड़ा है, उससे कहीं आगे होना चाहिए था लेकिन गलत नीतियों के कारण हम नहीं पहुंच पाए हैं.
अखिलेश ने कहा कि सामाजिक न्याय का सपना डॉ भीमराव अंबेडकर ने दिखाया, उसी सपने पर डॉ राम मनोहर लोहिया चले. हमें उन्हीं के रास्ते पर चलना है. हम जब तक अपने देश के लोगों को शिक्षित नहीं कर सकते. तब तक देश आगे नहीं बढ़ सकता.
अखिलेश ने कहा कि एक-दो लोग अंतरिक्ष में घूम आएं तो शायद उससे देश हमारा खुशहाल नहीं होगा. दुनिया में हमारे देश को कहा जाता है कि आध्यात्म में सबसे आगे हमारा देश है. एक तरफ हम दुनिया को बताएं कि पूरी दुनिया एक परिवार है. हमारे जींस एक हैं. वहीं अगर हम अपनी धरती पर भेदभाव करें तो शायद हमारा देश खुशहाल नहीं हो सकता. एनआरसी के मुद्दे पर इशारों-इशारों में अखिलेश यादव ने कहा कि अगर अमेरिका में ऐसा कोई निर्णय हुआ तो सोचिए कितने लोग भारत लौटेंगे?