जनतंत्र में सरकार व जनप्रतिनिधि की जवाबदेही जरूरी है : राम नाईक
फैजाबाद: राज्यपाल राम नाईक ने देश में घुसपैठ पर कहा है कि गलत ढंग से देश में घुसने करने वालों का यही दुष्परिणाम होता है। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा सर्वोपरि है।
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से घुसपैठ मामले को संज्ञान में लिये जाने की बात करते हुए कहा कि देश के सभी मुख्यमंत्रियों को घुसपैठ को लेकर होना जागरूक होना चाहिये। राज्यपाल श्री नाईक ने देश की रक्षा को अहम मुद्दा बताते हुए राजनीतिक दलों से घुसपैठ मामले को राजनीतिक मुद्दा न बनाये जाने को कहा।
राज्यपाल श्री नाईक सोमवार को अवध विश्वविद्यालय के संतकबीर सभागार में रीजनल आउटरीच ब्यूरो सूचना और प्रसारण मंत्रालय लखनऊ की ओर से आयोजित ‘देश का बढ़ता जाता विकास साफ नियत सही विकास’ विषय पर आयोजित चित्र प्रदर्शनी के उद्घाटन करने आये थे।
उद्घाटन समारोह के बाद मीडिया से बातचीत में राज्यपाल ने प्रदेश में कानून व्यवस्था पर बोलते हुए कहा कि जितनी चिट्ठी अखिलेश को लिखी गई उससे ज्यादा चिट्ठी सीएम योगी को भेजी गयी। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव भी हमारे मुख्यमंत्री थे और योगी आदित्यनाथ भी हमारे मुख्यमंत्री हैं। राज्यपाल ने कहा कि यह चिट्ठी उनकी ओर से उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस मनाने के लिए अखिलेश यादव को लिखी गयी थी। लेकिन अखिलेश ने उसे महत्व नहीं दिया। फिर उन्होंने मुख्यमंत्री योगी को चिट्ठी लिखी। सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश दिवस मनाने के लिए उनकी चिट्ठी को संज्ञान में लिया। इसके पहले उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए में राज्यपाल श्री नाईक ने कहा कि जनतंत्र में सरकार व जनप्रतिनिधि की जवाबदेही जरूरी है। उन्होंने कहा कि जनतंत्र में टीका टिप्पणी भी आवश्यक है। लेकिन किस मुद्दे पर टीका टिप्पणी की जानी चाहिए इस पर ध्यान देना होगा।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के चार वर्ष के कार्यकाल की जनहित में चलाई गई योजनाओं के प्रचार प्रसार व जागरूकता के लिए जनतंत्र में प्रदर्शनी लगाना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि जनता को लाभ पहुंचाने के लिए या प्रदर्शनी शुभ संकेत है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा दिया था। जिस पर केंद्र व प्रदेश सरकार ने अमल करते हुए गांव के हित में तमाम योजनाएं संचालित की हैं। उन्होंने बालिका शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि आज देश व प्रदेश में तेजी से परिवर्तन हो रहा है। उच्च शिक्षा में बालिकाएं लड़कों से आगे निकल रही हैं।