जितने जवान चार साल में शहीद हुए उतने 50 साल में नहीं हुए: शिवसेना
श्रीनगर: उत्तरी कश्मीर के गुरेज सेक्टर में घुसपैठ की साजिश नाकाम करते हुए भारतीय सेना के मेजर और तीन सैनिक शहीद हो गए. अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि कम से कम दो आतंकवादी भी मारे गए हैं. इस घटना पर केंद्र और महाराष्ट्र में सरकार की सहयोगी शिवसेना ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. शिवसेना के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने कहा, 'हमारे जवान जितने शहीद पिछले चार साल में हुए हैं, उतने पिछले 50 साल में नहीं हुए . इससे पहल सेना के अफसर ने बताया कि बांदीपुरा जिले के गुरेज सेक्टर के गोविंद नाला में सेना के गश्ती दल और घुसपैठ कर रहे समूह के बीच मुठभेड़ हुई. अधिकारी ने बताया कि दोनों आतंकवादियों के शव दूर से देखे जा सकते हैं जबकि दो अन्य आतंकवादियों के मारे जाने की भी संभावना है.
शहीदों की पहचान मेजर के पी राणे, हवलदार जैमी सिंह और विक्रमजीत तथा राइफलमैन मनदीप के तौर पर हुई है. अधिकारी ने बताया कि प्राथमिक रिपोर्टों के अनुसार आठ लोगों का एक समूह देश में घुसने की कोशिश कर रहा था. इनमें से चार पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में वापस भाग गए.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारुख अब्दुल्ला ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध और घुसपैठ एक साथ नहीं चल सकते. उन्होंने कहा, 'अगर अपने शहीद हो गए हैं तो हमको ये देखना चाहिए कि इसका मुकाबला हमें ही करना होगा. अगर पाकिस्तान भारत के साथ अच्छे संबंध बनाना चाहता है, तो ये जरूरी है कि घुसबैठ को रोका जाए.'
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सेना ने घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों को एलओसी पर गोविंद नल्लाह में 36 राष्ट्रीय राइफल्स के पास चुनौती दी थी. आतंकियों की तरफ से हो रही गोलीबारी के बीच सेना ने भी जवाबी कार्रवाई की. आर्मी ऑफिसर के मुताबिक इस मुठभेड़ में चार आतंकी भागने में कामयाब रहे. माना जा रहा है कि वो चारों आतंकी वापस पीओसी की तरफ चले गए. आतंकी पाकिस्तान की तरफ से हो रही फायरिंग के बीच घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे थे.