दक्षिण भारत की राजनीति के भीष्म पितामह एम करुणानिधि का निधन
नई दिल्ली: द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) प्रमुख और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि नहीं रहे। वह 94 साल के थे। चेन्नई के कावेरी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांसें लीं। मंगलवार (सात अगस्त) को अस्पताल की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया, “करुणानिधि छह बजकर 10 मिनट पर नहीं रहे। हमारे डॉक्टरों और नर्सों के ढेर सारे प्रयासों के बाद भी उन्हें बचाया न जा सका।” अस्पताल ने इससे पहले शाम साढ़े चार बजे डीएमके प्रमुख का मेडिकल बुलेटिन जारी किया था। डॉक्टरों ने उसमें उनकी हालत बेहद नाजुक और अस्थिर बताई थी।
डॉक्टरों ने कहा था कि डीएमके प्रमुख की हालत में हाल के कुछ घंटों में गिरावट देखने को मिली। मशीनी सपोर्ट के बाद भी डीएमके प्रमुख के कई अंग सही से काम नहीं कर रहे। उनका स्वास्थ्य में लगातार गिरावट देखने को मिली। आपको बता दें कि करुणानिधि को दक्षिण भारत की राजनीति का भीष्म पितामह भी कहा जाता है। वह यहां की राजनीति में लगभग 76 वर्षों तक छाए रहे।
बीती 26 जुलाई को उन्होंने डीएमके के मुखिया के तौर पर अपने 50 साल पूरे किए थे। वह पांच बार तमिलनाडु के सीएम रहे और 12 बार विधानसभा सदस्य रहे। सबसे खास बात यह है कि उन्होंने कभी भी चुनाव नहीं हारा। राजनेता के अलावा उन्हें कई और रूपों में जाना जाता था। वह एक शानदार लेखक, कवि और विचारक थे।
करुणानिधि काफी लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे। कावेरी अस्पताल में भर्ती कराए जाने से पहले तक गोपालपुरम स्थित आवास पर उनका इलाज चल रहा था। 28 जुलाई को उनके ब्लड प्रेशर में गिरावट आ गई थी, जिसके बाद उन्हें कावेरी अस्पताल के आईसीयू में तड़के डेढ़ बजे भर्ती कराया गया था।
डीएमके प्रमुख ने तीन शादियां की थीं। पहली पत्नी पद्मावती थीं, जिनका निधन हो चुका है। दूसरी दयालु अम्मल हैं, जबकि तीसरी पत्नी का नाम रजति अम्मल है। करुणानिधि अपने जीवनकाल में कई विवादों में भी फंसे। मसलन हिंदुओं के देवता श्रीराम के अस्तित्व पर उन्होंने एक बार सवाल उठा दिया था।