गुवाहाटी: असम में एनआरसी मुद्दे पर सांप्रदायिक सद्भावना को नुकसान पहुंचाने के आरेाप में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के आठ नेताओं के खिलाफ गुवाहाटी के गीतानगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है. यह एफआईआर ध्रुवज्‍योति तालुकदार की शिकायत के आधार पर दर्ज कराई गई है. उन्होंने आरोप लगाया है कि ममता बनर्जी ने असम में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने और एनआरसी की शांतिपूर्ण प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है.

शिकायतकर्ता के मुताबिक 30 जुलाई को ममता बनर्जी ने एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस के जरिए असम एनआरसी मुद्दे पर तीखी बयानबाजी की, जिससे लोगों में गुस्‍सा भड़का. ममता बनर्जी ने पूरे मामले को सांप्रदायिक रंग देने की भी कोशिश की. मामले की गंभीरता को देखते हुए इलाके में धारा 144 लगाई गई थी, इसके बावजूद टीएमसी नेता सुखेंदु शेखर रॉय, काकोली घोष दास्तिदार, रत्ना डे नाग, नदीमुल हक, अर्पिता घोष, ममता ठाकुर, फिरहद हाकिम और महुआ मोइत्रा ने इलाके का दौरा किया और लोगों को असम एनआरसी मुद्दे पर भड़काने की कोशिश की.

गौरतलब है कि सिविल वॉर की चेतावनी देते हुए ममता बनर्जी ने कहा था कि बंगाली ही नहीं अल्पसंख्यकों, हिंदुओं और बिहारियों को भी एनआरसी से बाहर रखा गया है. 40 लाख से ज्यादा लोगों जिन्होंने कल सत्ताधारी पार्टी के लिए वोट किया था आज उन्हें अपने ही देश में रिफ्यूजी बना दिया गया है. ममता ने कहा, 'वे लोग देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं. यह जारी रहा तो देश में खून की नदियां बहेंगी, देश में सिविल वॉर शुरू हो जाएगा.'