देश में डर का माहौल बनाया जा रहा है: राजनाथ
नई दिल्ली: एनआरसी ड्राफ्ट को लेकर मचे हंगामे के बीच गृहमंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को राज्यसभा में बोले. उन्होंने कहा कि 30 जुलाई का ड्राफ्ट फाइनल नहीं है और जिन लोगों का नाम इसमें नहीं है, उनके खिलाफ किसी भी स्थिति में बलपूर्वक कार्रवाई नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि फाइनल एनआरसी से पहले लिस्ट से गायब सभी लोगों को आवेदन करने का मौका दिया गया है और यह पूरी तरह स्पष्ट प्रक्रिया है.
राजनाथ सिंह ने कहा, "असम में एनआरसी की प्रक्रिया 1985 में शुरू हुई थी, जब राजीव गांधी जी प्रधानमंत्री थे. इसे अपडेट करने का फैसला 2005 में मनमोहन सिंह जी ने लिया था. एनआरसी को अपडेट करने की प्रक्रिया 15 अगस्त 1985 को शुरू हुई थी. एनआरसी को लेकर देश के अन्य राज्यों में डर का माहौल बनाया जा रहा है, जो दुखद है."
एनआरसी के मुद्दे पर असम गए अपने सांसदों को एयरपोर्ट पर रोके जाने के मुद्दे को उठाते हुए तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने आज लोकसभा में काफी शोरशराबा किया, जिसके कारण प्रश्नकाल के दौरान सदन की बैठक 15 मिनट के लिए स्थगित भी करनी पड़ी. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय ने पार्टी के कुछ सांसदों को असम के सिलचर हवाई अड्डे पर रोके जाने का मुद्दा उठाया और कहा कि इसको लेकर उनकी तरफ से विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है और लोकसभा अध्यक्ष इस पर संज्ञान लें. लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि वे इस मामले को प्रश्नकाल के बाद उठाएं.
इसके बाद तृणमूल के सदस्य अध्यक्ष की सीट के नजदीक आकर नारेबाजी करने लगे. इस दौरान आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जे की मांग कर रहे तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के सदस्य भी हाथों में तख्तियां लिए हुए सीट के नजदीक पहुंच गए. सुमित्रा महाजन ने शोर-शराबे के बीच प्रश्नकाल को आगे बढ़ाया. उन्होंने तृणमूल सदस्यों ने अपने स्थान पर जाने को कहा, लेकिन हंगामा नहीं थमता देख उन्होंने सदन की बैठक करीब 15 मिनट के लिए दोपहर 11:50 बजे तक स्थगित कर दी.