यूपीएसआरटीसी की वेबसाइट हैक करके लगाया था लाखों का चूना

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की एसटीएफ ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो यूपी परिवहन विभाग (यूपीएसआरटीसी) की वेबसाइट को हैक करके लाखों रुपये का चूना लगा रहे थे. इस अपराध में शामिल चार आरोपी www.upsrtconline.co.in को हैक कर लेते थे, जिसके बाद परिवहन विभाग को बिना भगुतान किए ई-टिकट जारी कर देते थे और पैसा खुद रख लेते थे.

एसटीएफ की टीम ने लखनऊ से गैंग से सरगना अमित कुमार भारती और मुदित शर्मा के साथ दो अन्य साथियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए लोगों में दो नाबालिग भी शामिल हैं. अमित कुमार भारती और मुदित शर्मा दोनों ही कानपुर के रावतपुर गांव के स्थानीय निवासी हैं. स्पेशल टास्क फोर्स की टीम को पकड़े गए आरोपियों के पास से चार मोबाइल फोन बरामद हुए हैं

एसटीएफ के मुताबिक, इस गिरोह के सदस्यों ने टिकटों की बिक्री के लिए वॉट्सऐप और फेसबुक पर कई ग्रुप बना रखे थे. जहां से यात्रा करने वाले लोगों से संपर्क किया जाता था. गैंग से सदस्य लोगों को टिकट बेचकर यात्रियों का पैसा खुद रख लेते थे.

उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग के प्रबंध निदेशक ने पुलिस महानिरीक्षक अमिताभ यश को इस बात की जानकारी दी थी कि यूपीएसआरटीसी की वेबसाइट के जरिए कुछ लोग टिकट बुकिंग तो कर रहे थे लेकिन इसके एवज में भुगतान नहीं दिखता था. इसके बाद एसटीएफ के एसएसपी अभिषेक सिंह को निर्देश दिए गए और उन्होंने इस पर एएसपी एसटीएफ त्रिवेणी सिंह को कार्रवाई की जिम्मेदारी सौंपी. एएसपी त्रिवेणी सिंह ने एक टीम गठित कर ऐक्शन लेने को कहा.

एसटीएफ टीम ने जब जांच शुरू की तो उन्होंने देखा कि इस गिरोह के लोगों ने वॉट्सऐप और फेसबुक ग्रुप के जरिए हजारों लोगों को जोड़ रखा है। टीम को यह भी पता चला कि इस गिरोह के लोगों ने अपने सभी नाम पते और मोबाइल नंबर आदि फर्जी आईडी पर लिए हैं. एसटीएफ ने गैंग के सरगना अमित कुमार भारती और अन्य को पूछताछ के लिए वजीरगंज थाने बुलाया. इसके बाद एसटीएफ को जानकारी पुख्ता होने पर आरोपियों को शाम 4 बजे गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों से पूछताछ में उन्होंने इस जालसाजी की बात को कबूल किया है. साथ ही अभियुक्तों ने यह भी बताया कि कैसे वह इस फर्जीवाड़े को अंजाम देते थे.

कई राज्यों में भी सक्रिय हैं टिकट बुक कराने वाले इस फर्जीवाड़े में एक और बात सामने आई है कि हैकिंग के माध्यम से बिना पैसे दिए टिकट बुक कराने वाले सदस्य कई प्रांतों में सक्रिय हैं. इनके गैंग द्वारा फेसबुक पर अपने साथियों के कई ग्रुप बनाए गए हैं और वॉट्सऐप पर भी बिजनस ग्रुप बनाकर चैट करते थे. शिकंजे में आए आरोपियों पर लखनऊ के वजीरगंज थाने में मुकदमा अपराध संख्या 324/2018 की धारा 420 IPC और 66डी आईटी ऐक्ट पहले से ही पंजीकृत है.