नई दिल्ली: खुदरा महंगाई में लगातार इजाफे को देखते हुए रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति लगातार दूसरी तिमाही में नीतिगत दरों में इजाफा कर सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि सोमवार से शुरू हुई समिति की बैठक में एक बार फिर रेपो रेट को बढ़ाने पर फैसला हो सकता है।

आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) नीतिगत ब्याज दरों को लेकर 1 अगस्त को फैसला करेगी। बाजार विश्लेषकों का मानना है कि खुदरा महंगाई के अनुमान से ज्यादा होने और थोक महंगाई में इजाफे के कारण आरबीआई पर ब्याज दरें बढ़ाने का दबाव है। उनका मानना है कि जून में आरबीआई की मौद्रिक समिति की बैठक के बाद से मुद्रास्फीति को लेकर परिदृश्य लगातार खराब हो रहा है। साथ ही केंद्रीय बैंक ज्यादा मुद्रास्फीति के जोखिम को लेकर लगातार आगाह भी करता रहा है। इसके अलावा कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें, वैश्विक वित्तीय बाजार में उतार-चढ़ाव और कृषि फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी से भी महंगाई और बढ़ने की आशंका है। ऐसे में केंद्रीय बैंक अपने रेपो रेट में बढ़ोतरी पर विचार कर सकता है।

ग्लोबल फाइनेंस सर्विस कंपनी डीबीएस की रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी नीतिगत बैठक में आरबीआई के ब्याज दरों में इजाफे की उम्मीद है। डीबीएस की अर्थशास्त्री राधिका राव ने बताया कि हम वित्त वर्ष 2018-19 में नीतिगत ब्याज दरों में 50 बेसिस प्वाइंट के इजाफे की उम्मीद कर रहे हैं। ऐसे में मुमकिन है कि आरबीआई एक बार फिर ब्याज दरों में एक चौथाई की बढ़ोतरी करे। उन्होंने कहा कि इससे पहले जून में पेश अपनी पॉलिसी में आरबीआई ने कहा था कि भविष्य में ब्याज दर बढ़ाने का फैसला कई आंकड़ों पर निर्भर करेगा।
इन्द्रमोहन ने विरोध किया तो उसने पहले पैर में गोली मारी, फिर ताबड़तोड़ चार-पांच गोली चला दी। इस फायरिंग में इन्द्रमोहन के दो गोली लगी और एक गोली उमेश के लगी। रामसेवक के पेट पर छर्रे लगे। रामसेवक ने बताया कि उसने साहस कर बदमाश से एक बैग छीन लिया लेकिन उसे गोली चलाते देख वह ज्यादा नहीं भिड़ सका और एक बैग लेकर वह बैंक के अंदर भाग गया। अफसरों के साथ वह बाहर आया तो देखा कि इन्द्रमोहन व उमेश लहूलुहान गिरे पड़े हैं।