राज्यपाल ने प्रदेश की कानून व्यवस्था को बेहतर बताया
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने अपने चार साल का कार्यकाल पूरा होने पर कहा है कि प्रदेश की कानून व्यवस्था में सुधार हो रहा है। अभी इसमें और सुधार की जरूरत है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संवेदनशीलता के साथ इस पर काम कर रहे हैं।
राज्यपाल रामनाईक ने रविवार को पत्रकार वार्ता में ये बातें कहीं। उन्होंने चार साल का अपना कार्यकाल पूरा करने पर 152 पृष्ठ का रिपोर्ट कार्ड किया ज़ारी किया। राज्यपाल ने यह भी कहा कि पिछली सरकार के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से उनके अच्छे संबंध हैं। राज्यपाल ने कहा कि इस सरकार में कानून व्यवस्था की कोई बात होती है तो वह सीएम से बात करते हैं। जैसे जब जेल में हत्या हुई तो उन्होंने सीएम से इस घटना के बारे में जानकारी ली।
श्री नाईक ने कहा कि ‘भारत का संविधान’ में राज्यपाल पद को बड़ी महत्ता दी गई है। राज्यपाल राज्य का संवैधानिक मुखिया होने के साथ-साथ केन्द्र एवं राज्य सरकार के बीच सेतु की भूमिका में होते हैं। राज्यपाल जहाँ एक ओर राज्य सरकार की गतिविधियों में नजर रखते हैं तो वहीं दूसरी ओर आवश्यकतानुसार राज्य सरकार की बात को केन्द्र तक सशक्त ढंग से प्रस्तुत करने का भी कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि मैंने पद की गरिमा एवं मर्यादा को सर्वोपरि रखकर ही संविधान की मंशा के अनुरूप कार्य किया है। मेरे समक्ष प्रस्तुत विषयों को राज्य के हित एवं आवश्यकता के अनुसार शीघ्र निपटारा किया गया है। 08 फरवरी 2018 को राज्य विधान मण्डल के वर्ष 2018 के प्रथम सत्र के लिए आहूत संयुक्त अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए 38 पृष्ठों का अपना पूरा अभिभाषण पढ़ा। अभिभाषण के समय विधान मण्डप में विपक्षी राजनैतिक दलों द्वारा विरोध प्रदर्शन तथा व्यवधान डाला गया परन्तु मेरे द्वारा संयमपूर्वक अपना अभिभाषण पूर्ण किया गया। 2007 के बाद यह प्रथम अवसर है जब किसी राज्यपाल ने सदन में अपना पूरा भाषण पढ़ा।
राज्यपाल ने कहा कि उच्च शिक्षा में सुधार लाना मेरी पहली प्राथमिकता रही है और इसके निमित्त प्रारम्भ से ही समय-समय पर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए एवं आवश्यकतानुसार दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। इस वर्ष दीक्षान्त समारोहों में कुल 15,60,375 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गई जिनमें से 7,97,646 अर्थात् 51 प्रतिशत छात्राओं ने उपाधियां अर्जित की। उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु प्रदत्त कुल 1,653 पदकों में से 1,085 पदक अर्थात् 66 प्रतिशत छात्राओं को प्राप्त हुए। उन्होंने कहा कि यह संख्या महिला सशक्तिकरण का सुखद संदेश देती है। उन्होंने बताया कि वर्ष में दो बार कुलपति सम्मेलन के आयोजन के साथ विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन करने के लिये एक समिति बनायी गयी। समिति ने 44 बैठकों में विचार-विनिमय करके रिपोर्ट प्रस्तुत किया, जो कार्यवाही हेतु राज्य सरकार को प्रेषित की गई। उन्होंने यह भी बताया कि शैक्षिक सत्र 2018-19 में 26 विश्वविद्यालयों के दीक्षान्त समारोह प्रस्तावित हैं, उनके दिनांक भी तय हो गये है, जो 24 अगस्त से 15 नवम्बर, 2018 तक 83 दिनों में पूरे कर लिये जायेंगे।
राज्यपाल ने उन्होंने तमाम विषयों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 450 पत्र लिखे। जबकि 36 पत्र राष्ट्रपति को लिखे गये। उपराष्ट्रपति, केंद्रीय मंत्रियों व अन्य राज्य के राज्यपालों को 155 पत्र लिखे गए। इस साल उन्होंने राजभवन में 6,724 लोगों से मुलाक़ात की। 35, 977 लोगों ने पत्र लिखकर अपनी बात कही। जहां तक कार्यक्रमों की बात है तो उन्होंने लखनऊ से बाहर 109 कार्यक्रमो में भाग लिया । लखनऊ में आयोजित 191 कार्यक्रमो में भाग लिया। 808 सिद्धदोष बंदियों की रिहाई की याचिकाओ में 79 कैदियो की रिहाई के निर्देश दिए। राज्य विधान मंडल में पारित 42 विधेयक में से उन्होंने केवल 24 विधेयक पर मोहर लगाया बाकी 18 विधेयक राष्ट्रपति को भेजा है। जिसपर निर्णय राष्ट्रपति करेंगे।