लोनिवि में चौदह सालों से चल रहा प्रोन्नति में भ्रष्टाचार, धरना देकर खोली पोल
विभागाध्यक्ष ने मांगा दस दिन का समय, ग्यारहवे दिन से भूख हड़ताल और फिर हड़ताल का निर्णय
न्यायालय को किया गुमराह,नाराज जूनियर इंजीनियिरों ने घेरा मुख्यालय
लखनऊ: उत्तर प्रदेश डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ ने न्यायालय के आदेश का अपनी मनमर्जी से परिभाशित कर प्रोन्नति में पिछले 14 साल से चल रहे प्रोन्नति में भ्रष्टाचार की पोल खोलते हुए पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसर आज विभागाध्यक्ष्ज्ञ का घेराव करते हुए मुख्यालय पर धरना दिया । इस दौरान आठ सूत्रीय मांगों की प्रतिपूर्ति न होने पर हड़ताल की जाने का इरादा जताया। इस दौरान धरने पर पहुंचे विभागाध्यक्ष प्रमुख अभियंता विकास इं. वी.के. सिंह ने उक्त मामले के निस्तारण के लिए दस दिन का समय मांगा। पदाधिकारियों ने उसी दौरान दस दिन का समय इस शर्त के साथ दिया कि ग्यारहवे दिन 101-101 डिप्लोमा इंजीनियर्स दो दिन की भूख हडताल करेगें और तीसरे दिन से हड़ताल घोषित होगी।
धरने को सम्बोधित क्रते हुए डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि लम्बी लड़ाई के बाद माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने तय किया कि 2004 के बाद किसी भी डिग्रीधारी का प्रमोशन डिप्लोमा इंजीनियर से सहायक अभियंता बनने वाले कोटे में नही किया जायेगा। उसके बाद 6 दिन की भूख हड़ताल के बाद 12 वर्षो से रूकी इस प्रोन्नति प्रक्रिया को चालू किया गया। मा0 उच्च न्यायालय ने 2004 से पूर्व 186 रिक्तियाॅ मान ली। उसी के अनुसार अगस्त 2008 में सभी पदों को शासन और विभाग से तय करके प्रोन्नतियां हो गई। उन्होंने बताया कि उसके बाद दिसम्बर 2008 के ही कुछ डिग्रीधारी जूनियर इंजीनियर शासन पहुॅचे ओर भ्रष्टाचार के तहत पहली बार 33 पदों का सृजन शासन ने उनकी प्रोन्नति हेतु कर दिया जिसका विरोध लोक निर्माण विभाग ने भी कर दिया कि रिक्तियाॅ नही बनती है। परन्तु शासन के दबाव में उनके प्रमोशन करा दिये गये। फिर 2010 में 97 रिक्तियों का फिर से 2004 से पूर्व गणना में त्रुटि दिखाते हुए शासन ने पुनः रिक्तियाॅ निकाल दी और विभाग मना करता रह गया। बार-बार त्रुटिपूर्ण सूची/सूचना देने वाले कर्मचारी/अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नही की गयी। इस दौरान वक्ताओं ने प्रमुख अभियंता ग्रामीण सड़त, इं0 आर0सी0 बरनवाल द्वारा प्रोन्नति मामले में भ्रष्टाचार में दिये जाने वाले बढ़ावा पर जम कर विरोध दर्ज कराते हुए उन्हें प्रोन्नति प्रकरण से हटाये जाने की माॅग की।
वक्ताओं ने यह भी कहा कि डिप्लोमा इंजी0 संगठन द्वारा तमाम आरोप लगाये धरना प्रदर्शन किया परन्तु बात न बनने पर मा0 उच्च न्यायालय की शरण ली और मा0 सर्वोच्च न्यायालय तक वाद गया, उन सभी नियुक्त प्रोन्नतियों को स्थगित करके पदावनत कर दिया गया। और उन्हें अपात्र घोषित कर दिया गया। अब 10 वर्षो बाद पुनः शासन में भ्रष्टाचार का खेल शुरू हुआ और विभाग के कुछ अधिकारी मिल कर उन्हें मा0 न्यायालयों के स्थगन आदेशों के बाद भी प्रोन्नति देने में लग गये। उस पर संगठन द्वारा तमाम ध्यानाकर्षण व वार्तायें, पत्राचार करने के बाद भी शासन एवं विभाग के कुछ उच्च अधिकारी अपनी भ्रष्टाचारी मंशा के तहत बहुत तेजी से प्रोन्नत कराने में लगे हैं । धरने को संघ के अध्यक्ष इं0 हरि किशोर तिवारी, महामंत्री इं0 वी0के0 कुशवाहा, वरि0 उपाध्यक्ष इं0 दिवाकर राय, इं0 एन0डी0 द्विवेदी अति0 महामंत्री तथा राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उ0प्र0 के महामंत्री श्री शिव बरन सिंह यादव, सेतु निगम डि0इं0संघ के अध्यक्ष इं0 एस0पी0 गुप्ता, राजकीय निर्माण नि0 डि0इं0संघ के महामंत्री इं0 एस0डी0 द्विवेदी, उ0प्र0 डि0इं0महासंघ के महासचिव इं0 जी0एन0 सिंह ,पूर्व महामंत्री एल.एन.सचानख् आईटीआई के अध्यक्ष ओ.पी. सिंह सहित तमाम सहयोगी संगठनों के नेताओं ने सम्बोधित किया।