मॉब लिंचिंग के दोषियों को मोदी के मंत्री ने खिलाई मिठाई, पहनाई माला
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने शुक्रवार को रामगढ़ लिंचिंग केस के आठ दोषियों का स्वागत किया और उन्हें माला पहनाई. बता दें कि पिछले साल 27 जून को लगभग 100 गोरक्षकों की भीड़ ने पशु व्यापारी अलीमुद्दीन अंसारी को हजारीबाग जिले के रामगढ़ में दिनदहाड़े मार डाला था. जयंत सिन्हा हजारीबाग लोकसभा सीट से सांसद हैं. भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मार डाले जाने के इस मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने रिकॉर्ड पांच महीने में सुनवाई करते हुए इस साल 21 मार्च को 11 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी.
केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने इस मामले में पुलिस जांच पर सवाल उठाए हैं और सीबीआई जांच की मांग की है. फास्ट ट्रैक कोर्ट से सजा पाने के बाद सभी दोषियों ने झारखंड हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. यहां से आठ को 29 जून को जमानत मिल गई. बुधवार को ये लोग जय प्रकाश नारायण सेंट्रल जेल से बाहर आए थे. यहां से ये सीधे जयंत सिन्हा के घर गए थे, जहां पर मंत्री ने उन्हें माला पहनाई. ये लोग बीजेपी ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष अमरदीप यादव के नेतृत्व में सिन्हा के घर गए थे.
अमरदीप यादव ने बताया, 'जयंत सिन्हा हमेशा मानते थे कि ये लोग निर्दोष हैं और इन्हें फंसाया गया है. इसलिए उन्होंने अपनी क्षमता से इन लोगों की कानूनी और आर्थिक मदद की. निर्दोष लोगों का साथ देने में कुछ गलत नहीं है.' तीन अन्य दोषियों का जिक्र करते हुए यादव ने उम्मीद जताई कि उन्हें भी हाईकोर्ट से जमानत मिल जाएगी.
यादव ने दावा किया, 'जयंत सिन्हा ने खुद इस मामले के कागजात देखे हैं और वकीलों से बात की है.' 'न्यूज18' ने जयंत सिन्हा से बात करने की कोशिश की, लेकिन उनके दफ्तर से जवाब मिला कि वह व्यस्त हैं और प्रतिक्रिया नहीं दे पाएंगे.
घटना के बाद राज्य की राजनीति में भूचाल आ गया है. विपक्षी दलों ने जयंत सिन्हाऔर बीजेपी पर तीखा हमला बोल दिया. पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन ने न्यूज18 को बताया कि यह काफी गंभीर मामला है और जो सिन्हा ने किया है वह किसी मंत्री को शोभा नहीं देता.
झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार ने कहा कि राज्य में रघुबर दास और केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार वादों को पूरा करने में नाकाम रही है ऐसे में बीजेपी सांप्रदायिक भावनाओं को भड़का रही है. उन्होंने कहा, 'इस तरह के तत्वों को किसी भी तरह का समर्थन देना निंदनीय है. यह बीजेपी का असली रंग है. वे केवल चुनाव जीतना चाहते हैं और इसके लिए उनके नेता किसी भी सीमा को पार कर सकते हैं.'