लखनऊ यूनिवर्सिटी अनिश्चितकाल के लिए बंद
कैंपस में पूर्व छात्रों का हंगामा, प्रॉक्टर से लेकर डीन तक की पिटाई
लखनऊ: लखनऊ यूनिवर्सिटी में बुधवार को बाहरी लोगों और पूर्व छात्रों ने जमकर हंगामा काटा. इस दौरान इन्होंने प्रॉक्टर, डीएसडब्ल्यू, डीन सीडीसी की जमकर पिटाई कर दी. ये सभी घायल हो गए हैं. वहीं कुलपति की गाड़ी पर भी पथराव की खबर है. उधर इस बवाल के बाद लखनऊ यूनिवर्सिटी अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दी गई है. इसी के साथ यूनिवर्सिटी में चल रही दाखिले की काउंसलिंग भी ठप हो गई है. मामले में यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि पुलिस सहयोग नहीं कर रही है.
खुद लखनऊ यूनिवर्सिटी की तरफ से ट्वीट कर मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा को इस हमले की जानकारी दी गई है. इसमें कहा गया है कि लखनऊ यूनिवर्सिटी के टीचरों पर कैंपस के अंदर असामाजिक तत्वों और बाहरी लोगों द्वारा बुरी तरह हमला किया गया है. इस हमले में प्रॉक्टर और उनकी टीम, डीएसडब्ल्यू, डीन सीडीसी घायल हो गए हैं. पुलिस बिलकुल सहयोग नहीं कर रही है. टीचरों ने एडमीशन काउंसिलिंग रोक दी है. यूनिवर्सिटी अगले आदेशों तक बंद कर दी गई है.
उधर घटना के बाद लखनऊ यूनिवर्सिटी में कई थानों की फ़ोर्स तैनात कर दी गई है. पुलिस ने कई आरोपियों को हिरासत में लिया है. उधर शिक्षकों से मारपीट में दो गिरफ्तार किए गए हैं. वहीं भूख हड़ताल पर बैठे पूर्व छात्रों को भी पुलिस ने भगाया. मामले में कुलपति प्रो.एसपी सिंह ने कहा कि उन पर भी बाहरी लोगों ने हमला किया. कुलपति की गाड़ी पर पथराव किया गया. कई शिक्षकों को चोटें आई हैं. विवि प्रशासन ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा है कि जब तक हालात नहीं सुधरते विश्वविद्यालय बंद रहेगा.
वहीं दूसरी तरफ आरोपियों ने कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन झूठे आरोप लगा रहा है. आरोपियों ने उल्टा प्रॉक्टर प्रो. विनोद सिंह पर बदसलूकी का आरोप लगाया है.
दरअसल पिछले साल जून में यूनिवर्सिटी पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को काला झंडा दिखा गया था. इस मामले में कई छात्रों को गिरफ्तार कर लिया गया था. इन्हें जेल भेज दिया गया था. बाद में ये लोग जमानत पर बाहर आए थे. उस समय मामले में खूब सियासत हुई थी. समाजवादी पार्टी ने छात्रों का समर्थन कर केस वापस लेने की मांग की थी. इस प्रोटेस्ट में समाजवादी छात्रसभा के भी सदस्य थे.
इसके बाद अब यूनिवर्सिटी ने सीएम योगी को काला झंडा दिखाने और जेल जाने वाले छात्रों को दाखिला देने से इंकार कर दिया है. दाखिला न मिलने के विरोध में विवि परिसर में ही छात्रों की भूख हड़ताल शुरू कर दी. मामले में छात्रों को समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के साथ ही कई सामाजिक संगठन समर्थन दे रहे थे.
आज एक अन्य गुट के पूर्व छात्रों और कुछ बाहरी लड़कों ने इसी को लेकर दोपहर करीब 11.45 बजे कुलपति प्रो. एसपी सिंह की गाड़ी रोकी. उस समय किसी तरह कुलपति वहां से निकल गए और विवि में ही एक कार्यक्रम में शामिल हुए. दोपहर करीब 1 बजे कुलपति कार्यक्रम से निकले तो फिर लड़कों ने उनकी गाड़ी रोकी.
मौके पर प्रोक्टोरियल बोर्ड के शिक्षकों ने जब लड़कों को रोका तो उन्होंने शिक्षकों पर हमला कर दिया. लड़कों ने कुलपति की गाड़ी और शिक्षकों पर पथराव किया, जिसमे दो शिक्षक घायल हुए. मौके पर कई थानो की पुलिस पहुंची और आरोपी कुछ लड़कों को हिरासत में लिया. इसके साथ ही भूख हड़ताल पर बैठे पूर्व छात्र-छात्राओं को भी पुलिस की गाड़ी में बैठकर विवि से बाहर निकाला. विवि प्रशासन का कहना है की सिर्फ उन लोगों का दाखिल रोका गया है, जिन पर किसी मामले में एफआईआर दर्ज है या कोई अन्य मामला चल रहा है.