मातृ शिशु कल्याण महिला कर्मचारी संघ ने मुख्य सचिव से समय मांगा

लखनऊ: मातृ शिशु कल्याण महिला कर्मचारी संघ की बैठक में संघ की संरक्षक के रूप में शोभा शर्मा और कु.सुसम्मा टी.पी. को सलाहकार नियुक्त किया गया है। आज की बैठक की अध्यक्षता रामा यादव अध्यक्ष और संचालन किरन दुबे महामंत्री ने किया। इस बैठक में प्रदेश के नव नियुक्त मुख्य सचिव से 17 सूत्रीय मांगों के निस्तारण के लिए मिलने का समय मांगा गया है। बैठक में प्रभा, फूल दुलारी सहित कार्यकारिणी के पदाधिकारी मौजूद थी।

बैठक में समय मिलने पर मुख्य सचिव के समक्ष मांग पत्र संदर्भ में महामंत्री किरन दुबे ने बताया कि 17 सूत्रीय मांगों में मुख्य रूप से नवम्बर 2011 के बाद विभाग में तैनात स्वास्थ्य कार्यकर्ता (महिला/पुरुष) को 2000 ग्रेड पे के स्थान पर 2800 ग्रेड पे स्वीकृत कराये जाने, स्वा. पर्यवेक्षक (महिला) का वेतनमान स्वास्थ्य कार्यकर्ता (महिला) से 2 स्तर उच्चीकृत किया जाये क्योंकि 1979 में यही व्यवस्था थी। स्वास्थ्य पर्यवेक्षक महिला के रिक्त पदों पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता (महिला) के प्रमोशन नहीं किये जा रहे हैं, अतः तत्काल जनपदों में प्रमोशन की कार्यवाही पूर्ण कराने, सन् 2006 के बाद नियुक्त हुई महिला/पुरुष कर्मियों को भी पुरानी पेन्शन का लाभ दिये जाने की माॅग शामिल है। इसके अलावा समस्त महिला कर्मियों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष के स्थान पर 62 वर्ष की जाये। प्रदेश के समस्त जिलों में स्वा.कार्य. (महिला) की कमी के कारण वर्तमान में तैनात महिला कर्मियों को क्षेत्र में कई-कई उपकेन्द्रों पर तथा छूटे क्षेत्रों में कार्य करना पड़ रहा है। इसे दृष्टिगत रखते हुये विभाग में संविदा पर नियुक्त तथा जो महिला कर्मी टेªनिंग किये हैं परन्तु उन्हें नियुक्ति नहीं मिली है, उनकी स्थाई नियुक्ति शीघ्र की जाये। बायोमेट्रिक उपस्थिति लगाने से महिला कर्मियों को मुक्त रखा जाये क्योंकि वह ग्रामीण क्षेत्रों में सुदूर इलाकों में कार्य करती है इसलिये यह उपस्थिति उनके लिये सम्भव नहीं है। 04 स्वा.कार्य. (महिला) पर एक स्वा. पर्यवेक्षक (महिला) का प्रमोशन किया जाये।.वर्तमान में स्वा.कार्य. (महिला) को नोडल अधिकारी बनाकर क्षेत्रीय सांसद, विधायक के द्वारा रात्रि में चैपाल लगाने के लिये महिला कर्मियों को बुलाया जाता है। चैपाल देर रात चलने के कारण अकेली महिला वापस आने में अपने को असुरक्षित महसूस करती है। इस व्यवस्था को पुरुष कर्मियों को सौंपा जाये महिला कर्मियों को इस व्यवस्था से अविलम्ब मुक्त किया जाये। शुगर की जांच, एचआईवी की जांच महिला कर्मियों से न कराकर नियमानुसार पुरुष से करायी जाये। स्वा.कार्य. (महिला) के पर्यवेक्षण का कार्य पुरुष कर्मियों तथा स्वा.कार्य. (पुरुष), स्वा.पर्यवेक्षक (पुरुष) से न कराकर नियमानुसार स्वा.पर्यवेक्षक (महिला) से कराया जाये। स्वा.कार्य. (महिला)स्वा.पर्य. (महिला) को नियत यात्रा भत्ता 2000 तथा 1000 रुपये किया जाये। पिछले करीब 3 वर्षो से महिला कर्मियों के स्थानान्तरण नहीं किये गये हैं, जबकि स्टाम्प पेपर पर स्थानान्तरण चाहने वाली महिला कर्मी अपने परिवार के कारण अन्य जिलों में अपने पूर्व जिले की वरिष्ठता त्यागने के लिये भी तैयार हैं। इसके बावजूद उनके स्थानान्तरण नहीं किये जा रहे हैं, अतः अविलम्ब स्थानान्तरण किये जाये।सेवानिवृत्त महिला कर्मियों के देयकों का भुगतान तथा पेन्शन तत्काल दिलाये जाने के आदेश सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को तत्काल दिये जाये।शासनादेश सं.-911/5-10-13-डब्लू-55/08 चिकित्सा अनुभाग-10 दिनांक 8 मई 2013 के संशोधित शासनादेश सं.-1296ध्5-10-13-डब्लू-55/08 दिनांक 01-01-2014 तथा परिवार कल्याण उ.प्र. के द्वारा पृष्ठांकन प्रति पत्रांक- प.क./15/ई-3/वेतन निर्धारण/2014 दिनांक 25-02-2014 के अन्तर्गत 4200/4600/4800 का ग्रेड पे तत्काल दिलाया जाय। जनपदों से पदाधिकारी जानकारी दे रहे हैं कि उनके जिले में 4800 ग्रेड पे देने में अड़चने लगायी जा रही हैं। समस्त स्वास्थ्य कार्यकर्ता (महिला)/ए.एन.एम. को शासन के पत्र संख्या- 888/5-10-12-डब्लू-55/08टी.सी., चिकित्सा अनुभाग-10 दिनांक 17 जुलाई, 2012 के अन्तर्गत (एस.सी.एल. कुशवाहा बनाम सरकार एवं रिट संख्या 13788 शोभा शर्मा बनाम सरकार में हुये फैसले के अन्तर्गत) हुई आदेश जिनके संशोधित शासनादेश संख्या- 1296/5-10-13-डब्लू-55/08 चिकित्सा अनुभाग 10 दिनांक 20 दिसम्बर 2014 के क्रम में स्वास्थ्य सहायकों की भांति सन् 1991 में 1400/2600 का पदोन्नत वेतनमान उन सभी महिला कर्मियों को दिया जाय, जो 1980 से पहले से तथा बाद में तैनात हुई हो तथा 1991 के बाद 14/16 वर्ष पूर्ण कर रही हैं।स्वास्थ्य कार्यकर्ता यमहिलाद्ध को सेवा नियमावली 1997 संशोधन 1998 में 5000 की आबादी पर कार्य करने के स्पष्ट आदेशों के बावजूद भी 10000 की आबादी से ऊपर अपनी सेवायें देनी पड़ रही हैं। अतः 5000 की जनसंख्या पर उपकेन्द्र बनाकर महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता नियुक्त किया जाय।