शोध आज की आकादमिक क्षेत्र का अभिन्न अंग
IILM लखनऊ में फैकल्टी डेवेलपमेन्ट प्रोग्राम का समापन
लखनऊ: आज दुनिया व्यवहारिक शिक्षा की ओर बढ़ रही है, इस बदलते हुये वातावरण से तालमेल बनाये रखने के लिये शिक्षाविदों और शोधार्थियों को नये कौशल सीखना अत्यन्त आवश्यक है। शोध आज की आकादमिक क्षेत्र का अभिन्न अंग बन गया। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए आई.आई.एल.एम. लखनऊ ने एल.एम.ए. के सहयोग से शोध पद्धति एवं सांख्यिकी विश्लेषण विषय पर एक एफ.डी.पी. का आयोजन किया। फैकल्टी डेवेलपमेन्ट प्रोग्राम में यू0पी0, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, कर्नाटक आदि राज्यों के प्रतिष्ठित प्रबन्धन संस्थानों, राज्य एवं केन्द्रीय विश्वविद्यालयों के शिक्षको एवं शोधार्थियों ने भाग लिया
एक सप्ताह चलने वाले इस प्रोग्राम में शोध की बेसिक से लेकर एडवांस तकनीकि के बारे में प्रतिभागियों को रिसर्च में प्रयुक्त होने वाले साफ्टवेयरों से अवगत कराना था।
एफ.डी.पी. के दौरान, ट्रेनर्स, प्रो0 संजय मेधावी, प्रो0 मसूद सिद्दीकी एवं प्रो0 एस.के.कौशल ने विभिन्न शोध तकनीकि से प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया। ट्रेनरों ने प्रतिभागियों को उपयोगी अध्ययन सामग्री भी प्रदान की।
एफ.डी.पी. का समापन प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र वितरण के साथ हुआ। आई.आई.एल.एम. की निदेशक डा0 नायला रूश्दी, डीन डा0 शीतल शर्मा और एफ.डी.पी. ट्रेनरों प्रो0 संजय मेधावी, प्रो0 मसूद सिद्दीकी एवं प्रो0 एस0के0 कौशल ने प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किये। प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा करते हुये कहा कि उन्होंने आई.आई.एल.एम. में 6 अद्भुत दिन गुजारे। इस दौरान उन्हें काफी कुछ सीखने को मिले जो उनके कैरियर में अत्यन्त उपयोगी होगा।
अन्त में डा0 विभूति गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर एफ.डी.पी. आयोजन समिति के सदस्य प्रो0 सचिन श्रीवास्तव, प्रो0 तौसीफ इरफान एवं प्रो0 अजहरूद्दीन भी उपस्थित रहे।