ड्राइवर के बयान से जयललिता की मौत की जांच में आया ट्विस्ट
नई दिल्ली: तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता के मौत की जांच का रहस्य गहराता जा रहा है. शशिकला और जयललिता के निजी डॉक्टर के बाद अब उनके ड्राइवर ने एक नया खुलासा किया है. रिपोर्ट के मुताबिक 1991 से जयललिता के ड्राइवर रहे कनन ने बताया कि जब वो जयललिता के रूम में गए तो वो कुर्सी पर बेहोश बैठी थीं.
जबकि ड्राइवर के बयान से उलट डॉक्टर शिवकुमार और शशिकला ने बताया था कि जयललिता बिस्तर पर बेहोश हो गई थी और ड्राइवर ने सिक्योरिटी गार्ड्स के साथ उन्हें बिस्तर से कुर्सी बैठाने की कोशिश की लेकिन वो असफल रहे.
ड्राइवर ने अपने बयान में कहा, "जब मैं अम्मा के रूम में गया तब वो बेहोश कुर्सी पर बैठी हुई थीं. उनके रूम में कुछ फाइलें और खुला हुआ पेन भी था. शशिकला ने मुझे कुर्सी के साथ अम्मा को उठाने को कहा ताकि उन्हें अस्पताल ले जाया जा सके. लेकिन सीढ़ियों पर जब वो कुर्सी से फिसलने लगी तब हमने उन्हें स्ट्रेचर पर ले जाने का फैसला किया.
जांच अधिकारियों में जयललिता के रूम में डॉक्टर की उपस्थिति को लेकर भी एक शक पैदा हो रहा है. क्योंकि ड्राइवर ने बताया कि जयललिता के रूम में करीब एक घंटे तक डॉक्टर मौजूद नहीं थे. और ये बात न तो शशिकला ने बताई और न ही डॉक्टर ने.
ड्राइवर ने अपने बयान में कहा, "मैंने डॉक्टर शिवकुमार को करीब 8.30 बजे अम्मा के गार्डन में देखा था. लेकिन वो थोड़ी देर बाद वहां से निकल गए थे. उसके बाद जब मैं अम्मा के रूम में गया, तब मैंने एक बार फिर डॉक्टर को देखा. वो करीब 9.30 बजे वापस आ गए थे."
कनन ने बताया कि उन्हें PSO विरोपेरूमल ने 22 सितंबर 2016 को करीब 10 बजे गाड़ी तैयार रखने को कहा, लेकिन बाद में घरेलू सहायक लक्ष्मी ने उन्हें बड़ी कार निकालने को कहा. गाड़ी वाली बात शशिकला और शिवकुमार ने नहीं बताई, बल्कि उन्होंने बताया कि हमने करीब 9.30 बजे एंबुलेंस बुलाई."
इसके अलावा शशिकला ने दो अनजाने घरेलू सहायकों की उपस्थिति की भी जानकारी नहीं दी थी. जबकि डॉक्टर ने बताया कि दो अनजान घरेलू सहायक मौजूद थे, जिन्हें उन्होंने पहले नहीं देखा था. ड्राइवर ने कहा कि गार्डन में सीसीटीवी तो है लेकिन उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि 22 सितंबर 2016 की फुटेज की रिकॉर्डिंग है या नहीं. जांच कमीशन ने जयललिता की मौत की गुत्थी सुलझाने के लिए चार महीने का और समय मांगा है.
जयललिता के डॉक्टर को 25 जून को समन भेजा गया था लेकिन उन्होंने पैनल के सामने कोई गवाही नहीं दी. ध्यान देने वाली बात ये है कि डॉक्टर शशिकला के रिश्तेदार हैं.