किसान विरोधी योगी सरकार का असली चेहरा सामने आया: रालोद
लखनऊ: राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने प्रदेश सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुये कहा कि कल उत्तर प्रदेश सरकार ने उधोगपतियों की मांग पर सर्किल रेट पर किसानों की भूमि अधिग्रहित करने का फैसला लिया है। जिससे साबित हो रहा है कि सरकार पूंजीपतियों के हाथ का खिलौना बनकर रह गयी है। उल्लेखनीय है, वर्ष 2013 मे तत्कालीन यूपीए सरकार ने किसानों के लम्बे आंदोलन के बाद सन 1894 के भूमि-अधिग्रहण कानून मे बदलाव कर एक नया कानून बनाया था, जिसके मुताबिक आवश्यक कार्यों हेतु किसान की जमीन लिए जाने पर ग्रामीण क्षेत्र मे सर्किल रेट का चार गुना और शहरी क्षेत्र मे दो गुना मुआवजा दिए जाने का प्राविधान किया गया था।
श्री चौधरी ने आगे कहा कि योगी सरकार द्वारा किसान आन्दोलन मे दी सैकड़ों किसानों की शहादत को भुला कर नई अधिग्रहण नीति की घोषणा पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए की गई है। किसान अपने हक़ में अपनी सरकार से, संसद से क़ानून बनवाना चाहता है, तो उसे आंदोलन करने पड़ते हैं, लाठी, गोली खानी पड़ती हैं। लेकिन इस देश का पूँजीपति को अपने पक्ष में क़ानून नीति बनवाने में देर नहीं लगती। 118 साल बाद अधिग्रहण क़ानून बदला था, मंत्री सिधार्थ नाथ सिंह ने कैबिनेट के फ़ैसले की घोषणा करते हुए स्पष्ट कहा, यूपी सरकार का फ़ैसला तब लिया गया जब investors summit में उद्योगपतियों ने ये सुझाव सरकार को दिया। सवाल बनता है की क्या सरकार के पास पर्याप्त लैंड बैंक विकसित नहीं है? सत्य ये भी है पिछले दशकों से विभिन्न औद्योगिक विकास प्राधिकरणों द्वारा अधिगृहीत अधिकांश भूमि आज भी खाली पडी है अथवा उस पर आवासीय योजना बना दी गई है।
उन्होंने कहा कि औधोगिक क्षेत्र के नाम पर सस्ती दर पर किसानों की भूमि छीनकर उसे महंगी दर पर आवास हेतु आवंटित करने का नोएडा, ग्रेटर नोएडा का खेल माननीय न्यायालय के संज्ञान मे भी आ चुका है और उस पर समय-समय पर इन औधोगिक विकास प्राधिकरणों व सरकार को न्यायालय द्वारा दिशानिर्देश भी जारी किए गए हैं। पूर्व मे भी राष्ट्रीय लोकदल द्वारा पुराने भूमि अधिग्रहण कानून मे बदलाव के लिए सड़क से संसद तक लम्बा आंदोलन चलाया गया था। उन्हांेने चेतावनी देते हुये कहा कि वर्तमान मे योगी सरकार के इस किसान विरोधी फैसले पर भी राष्ट्रीय लोकदल चुप नही रहेगा और प्रदेश के किसानों के साथ सड़क पर उतरकर इस पूंजीपतियों की गुलाम सरकार को घुटने टेकने पर बाध्य करेगा।