नई दिल्ली: राम मंदिर न्यास के संत और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पूर्व सांसद राम विलास वेदांती ने कहा है कि जैसे बाबरी मस्जिद गिराई गई थी, वैसे ही राम मंदिर बना लिया जाएगा। मंदिर के निर्माण के लिए पूरी कार्य योजना भी तैयार की जा चुकी है। हालांकि, इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कुछ भी बताने से इन्कार कर दिया। वेदांती का यह बयान ठीक ऐसे समय पर आया है, जब तीन राज्यों (मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़) में विधानसभा चुनाव होने हैं।

वेदांती विश्व हिंदू परिषद (विहिप) से भी जुड़े हुए हैं। हाल ही में उन्होंने इस मसले पर एक हिंदी चैनल से बातचीत की। वह बोले, “साल 2019 के पहले अगर मंदिर (राम मंदिर) के निर्माण का फैसला नहीं हो पाता है, तो मेरे पास वैकल्पिक योजना है। अचानक जैसे विवादित ढांचे को ढहाया गया था, ठीक उसी तरह से रातों-रात मंदिर निर्माण भी शुरू हो सकता है।”

बकौल वेदांती, “यह योजना जमीनी स्तर पर पूरी हो चुकी है। उच्च स्तर पर इसको हरी झंडी भी दी जा चुकी है। फिलहाल इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया जा रहा है कि आखिर मंदिर निर्माण उसी तरह शुरू किया जाए, जैसे विवादित ढांचे को गिराया गया था।”

अयोध्या आंदोलन के प्रमुख नामों में वेदांती भी शामिल हैं। वह अभी जल्दबाजी करने के बजाय पीएम मोदी और सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ को कुछ और मोहलत देना चाहते हैं। वहीं, प्रवीण तोगड़िया के भी जल्द अयोध्या आने की संभावना है। पूर्व सांसद का कहना है कि बीजेपी ही इकलौती पार्टी है, जो राम मंदिर बनवा सकती है। साल 2019 में दोबारा केंद्र में बीजेपी की सरकार बनेगी और नरेंद्र मोदी देश के पीएम होंगे।

संत से पहले शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी रविवार को अयोध्या पहुंचे थे। उन्होंने कहा है कि राम मंदिर बनना चाहिए। यह प्रभु श्रीराम की जन्म भूमि है। मस्जिद की यहां कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने इसी के साथ वहां मंदिर के निर्माण के लिए 10 हजार रुपए दान किए और बाद में महंत से आशीर्वाद भी लिया।