फीफा विश्व कप: पनामा को 6-1 से रौंदकर इंग्लैंड अंतिम 16 में
निझनी नोवगोग्राड (रूस): गोलों की बारिश ने दर्शकों को तर कर दिया! वास्तव में रूस में खेले जा रहे 21वें फीफा विश्व कप में रविवार को ग्रुप जी के मुकाबले में इंग्लैंड ने पनामा का कचूमर निकालते हुए उसे 6-1 से रौंद कर टूर्नामेंट के अंतिम 16 में जगह पक्की कर ली. इंग्लैंड के अब छह अंक हो गए हैं. इंग्लैंड की तरफ से किए गए छह में से तीन गोल इंग्लिश कप्तान एच केन ने किए. और इन तीन में से दो गोल केन ने पेनल्टी किक से किए. केन के अलावा दो गोल जॉन स्टोन्स ने भी किए. बहरहाल, अब एच केन टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी बन गए. केन के खाते में अब पांच गोल जमा हो चुके हैं, तो क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने चार गोल किए हैं. एच केन को ही मैन ऑफ द मैच चुना गया.
उसकी तरफ से पहला गोल खेल के आठवें मिनट में जे स्टोंस और दूसरा गोल 22वें मिनट में पेनल्टी किक के जरिए एच केन ने किया. इसके अलावा इंग्लैंड के लिए तीसरा गोल खेल के 36वें मिनट में जे लिंगार्ड और चौथा और अपना दूसरा गोल जे. स्टोंस ने 40वें मिनट में जबकि पांचवां और छठा गोल एच केन ने ही खेल के 45वें और 62वें मिनट में किया. वहीं पनामा ने भी किसी तरह खाता खोलते हुए इंग्लैंड पर पहला गोल दाग दिया. यह गोल एफ. बैलोय ने खेल के 78वें मिनट में किया.
इंग्लैंड ने शुरू से ही मैच में अपना दबदबा बनाए रखा और पनामा को बैकफुट पर रखा. आठवें मिनट में ही इंग्लैंड के हिस्से कॉर्नर आया जिसे स्टोन्स ने हेडर के जरिए गोल में बदल इंग्लैंड के गोल करने के सिलसिले को शुरू किया. मैनचेस्टर सिटी के लिए खेलने वाले स्टोन्स का यह पहला अंतर्राष्टीय गोल था. मैच के 10वें मिनट में पनामा के अरमांडो कूपर को येलो कार्ड मिला जो टूर्नामेंट में उनका दूसरा येला कार्ड था और अब वह ट्यूनीशिया के खिलाफ तीसरे मैच में पनामा के लिए नहीं खेल पाएंगे.
इंग्लैंड लगातार पनामा के घर में आक्रमण कर रही थी. इसी बीच 20वें मिनट में पनामा के खिलाड़ी फिडेल इस्कोबर ने बॉक्स के अंदर जेसे लिंगार्ड को गिराया जिस पर रेफरी ने इंग्लैंड को पेनल्टी दी. 22वें मिनट में कप्तान केन ने इस पेनल्टी को गोल में बदलकर इंग्लैंड को 2-0 से आगे कर दिया. केन इंग्लैंड के तीसरे ऐसे खिलाड़ी बन गए हैं जिन्होंने किसी एक विश्व कप में तीन या उससे ज्यादा गोल किए हैं. इससे पहले रोजर हंट ने 1966 में और गेरी लिनेकर ने 1986 में इंग्लैंड के लिए तीन या उससे ज्यादा गोल किए थे.
खेल के 36वें मिनट में लिंगार्ड ने स्टेरलिंग से मिली गेंद को नेट में डाल इंग्लैंड को 3-0 से आगे कर दिया. 1966 की विजेता यहीं नहीं रुकी। लगातार आक्रमण के बीच 40वें मिनट में उसे फ्री किक मिली और कीरान ट्रिपिर के इस शॉट को स्टोन्स ने हेडर से नेट में डाला इंग्लैंड का इस मैच में चौथा और अपना दूसरा गोल किया. सन् 1966 के विश्व कप के बाद से यह पहला मौका जब इंग्लैंड ने विश्व कप में चार गोल किए. मैच के पहले हाफ के इंजुरी समय में इंग्लैंड को एक बार फिर पेनल्टी मिली जिस पर केन ने मैच का अपना दूसरा और टूर्नामेंट का चौथा गोल कर इंग्लैंड के गोलों की संख्या 5-0 तक पहुंचा दिया. विश्व कप के इतिहास में यह पहली बार है जब इंग्लैंड ने पांच गोल किए.
दूसरे हाफ में 62वें मिनट में केन ने गोल कर अपनी हैट्रिक पूरी की और इंग्लैंड के गोलों की संख्या छह कर दी. अपना पहला विश्व कप खेली रही पनामा ने गोल करने के ऐतिहासिक मौके ढूंढने शुरू कर दिए. पनामा को आखिरकार यह मौका तब मिला जब 37 साल के फेलिपे बालोय ने 78वें मिनट में गोल किया. विश्व कप में पनामा का यह पहला गोल है. मैच के 90वें मिनट में स्टोन्स अपनी हैट्रिक पूरी करने से चूक गए। इसके बाद मैच में चार मिनट का और अतिरिक्त समय जोड़ा गया. लेकिन इसके बाद और कोई गोल नहीं हो सका और इंग्लैंड ने 6-1 से मुकाबला जीत लिया.