सैफुद्दीन सोज़ ने किया कश्मीर पर मुशर्रफ़ के बयान का समर्थन
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैफ़ुद्दीन सोज़ ने पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के उस बयान का समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर कश्मीरियों को मौक़ा मिले तो वो किसी के साथ जाने के बजाए आज़ाद होना चाहेंगे. सोज़ का कहना है कि मुशर्रफ़ का एक दशक पहले दिया गया ये बयान आज भी कई मायनों में ठीक बैठता है. सोज़ ने ये भी कहा कि आज़ादी मिलना मुमकिन नहीं है. उन्होंने हुर्रियत नेताओं से भी खुले तौर पर बात करने की वकालत की.
बीजेपी नेता रविंद्र रैना ने कहा कि गुलाम नबी आजाद हो या सैफ़ुद्दीन सोज हो. इनका दिल हमेशा पाकिस्तान के लिए धड़कता है. ये कहते तो हिन्दुस्तान का है लेकिन इनका दिल पाकिस्तान के लिए धड़कता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाहती है कि देश के अंदर बर्बादी हो. वहीं केन्द्रीय मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि देखिए पहले बात ये की कश्मीर एक संवेदनशील मुद्दा है. आज जिस तरह से अतंकवादी और अलगाववादी ने कश्मीर के अमन और शांति को कश्मीर की तरक्की को अपनी शैतानी साजिशों की तरह हाईजैक किया है हमें उन ताकतों को पस्त करने की जरूरत है. ऐसा कोई बयान नहीं देना चाहिए जिससे की अलगावादियों या आतंकवादियों अपने आतंकी साजिशों में उत्साहित होकर काम करें.
उधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैफ़ुद्दीन सोज ने कहा है कि उन्होंने अपनी किताब में जो बातें कही हैं वह उनकी निजी राय है और इनका पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है. सोज ने कहा, 'किताब में जो बातें मैंने कहीं, वह मेरी निजी राय है. पार्टी से इसका कोई मतलब नहीं है.' दरअसल, सोज ने अपनी पुस्तक 'कश्मीर: ग्लिम्पसेज ऑफ हिस्ट्री एंड द स्टोरी ऑफ स्ट्रगल' में परवेज मुशर्रफ के उस बयान का समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर वोटिंग की स्थितियां होती हैं तो कश्मीर के लोग भारत या पाक के साथ जाने की अपेक्षा अकेले और आजाद रहना पसंद करेंगे. संप्रग सरकार में मंत्री रहे सोज ने यह भी दावा किया कि घाटी में मौजूदा हालात के लिए भाजपा नीत केंद्र सरकार की नीतियां जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोगों के लिए शांतिपूर्ण माहौल की स्थापना जरूरी है, जिससे यहां के लोग शांति से रह सकें.