कश्मीर में आतंकियों से निपटेंगे NSG कमांडो
नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ और आतंकी घटनाओं में बीते एक महीने में बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में आतंकियों से निपटने के लिए वहां नेशनल सिक्योरिटी गार्ड्स यानी NSG की टीम तैनात की गई है. गृह मंत्रालय को उम्मीद है कि एनएसजी की तैनाती से वहां आतंकी घटनाओं पर लगाम लगेगा. वहीं, इससे NSG को भी लाइव मुठभेड़ों से निपटने का अनुभव मिलेगा.
गृह मंत्रालय में एक महीने पहले हुई एक अहम बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिली थी. मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, घाटी में बढ़ रही हिंसा के मद्देनजर फिलहाल NSG की हिट हाउस इंटरवेंशन की टीम भेजी गई है.
दरअसल, जम्मू-कश्मीर में बीजेपी-पीडीपी गठबंधन टूटने के बाद महबूबा मुफ्ती की सरकार गिर गई. जिसके बाद यहां राज्यपाल शासन लागू है. 29 जून से अमरनाथ यात्रा भी शुरू हो रही है. ऐसे में सरकार अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित है. खुफिया एजेंसियों ने अमरनाथ यात्रा रूट पर आतंकी हमले की आशंका भी जाहिर की है. लिहाजा इस रूट पर NSG के ब्लैक कमांडो तैनात किए गए हैं. एयरपोर्ट की सिक्योरिटी भी ब्लैक कमांडो के हाथ में है. अमरनाथ यात्रा के संवेदनशील जगहों पर ड्रोन कैमरों से नजर रखी जाएगी.
जानकारी के मुताबिक, हाउस इंटरवेंशन टीम बंधक जैसी परिस्थिति से निपटने में बहुत कारगर साबित होती है. अभी तक ऐसी स्थिति से निपटने के लिए आर्मी और सीआरपीएफ अपना अभियान चलाती है. ऑपरेशन के दौरान वह फायर पावर का ज्यादा इस्तेमाल करती है, जिसके कारण सुरक्षाकर्मी या आम नागरिकों को नुकसान होता है.
बता दें कि एनएसजी का गठन वर्ष 1984 में 'ऑपरेशन ब्लू स्टार' के बाद किया गया था. 'ऑपरेशन ब्लू स्टार' के दौरान पंजाब के अमृतसर शहर में स्वर्ण मंदिर में छिपे आतंकवादियों का सफाया किया गया था. इस समय एनएसजी में करीब 7,500 जवान हैं.
'ब्लैक कैट' कमांडो को मुंबई में 26/11 को हुए आतंकी हमलों से, जनवरी 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले से और गुजरात के अक्षरधाम मंदिर में हुए आतंकी हमले से निपटने के लिए तैनात किया गया था. संसद में उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में इस साल जनवरी से मार्च के मध्य तक आतंकी हिंसा की करीब 60 घटनाएं हुईं जिनमें 15 सुरक्षाकर्मी और 17 आतंकी मारे गए.