नई दिल्ली: देश के मुख्‍य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्‍यन ने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया है. अरुण जेटली ने सुब्रमण्यन के इस्तीफा की जानकारी देते हुए बताया कि वह पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते अमेरिका जाना चाहते हैं और इसी कारण उन्होंने अपने पद से इस्तीफा की इच्छा जताई थी, जिसे मंजूर कर लिया गया है.

अरुण जेटली ने अपने ब्लॉग में लिखा, 'कुछ दिन पहले मुख्य आर्थ‍िक सलाहकार मुझे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये मिले थे. उन्होंने मुझे बताया कि वह अपनी पारीवारिक जिम्मेदारियों के चलते निभाने के लिए वापस अमेरिका जाना चाहते हैं.' इसके साथ ही उन्होंने बताया कि उनके इस्तीफा की की वजहें निजी हैं, लेकिन उनके लिए काफी अहम हैं. उन्होंने मेरे पास कोई विकल्प नहीं छोड़ा और मुझे उनके इस्तीफे को स्वीकार करना ही पड़ा.'

अरुण जेटली ने अपने ब्लॉग में लिखा कि अरविंद ने 16 अक्टूबर, 2014 को यह पद संभाला था. उनका कार्यकाल खत्म होने पर मैं चाहता था कि वह आगे भी इस पद पर बने रहें. लेकिन उन्होंने बताया कि वह पारिवारिक जिम्मेदारियों और मौजूदा पद को लेकर पसोपेश में हैं.'

जेटली ने भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रबंधन में के लिए सुब्रमण्यन का आभार व्यक्त करते हुए लिखा, 'व्यक्तिगत रूप से मुझे उनके व्यक्तित्व, ऊर्जा, बौद्धिक क्षमता और विचारों की कमी खलेगी. एक दिन में वह कई बार मेरे कमरे में आकर मुझे 'मिनिस्टर' कहकर बुलाते थे. कभी वह अच्छी खबर देते तो कभी दूसरे तरह का समाचार देने आते थे. निश्चित रूप से मुझे उनकी कमी खलेगी. मुझे विश्वास है कि वह कहीं भी होंगे वहां से अपनी सलाह या विश्लेषण भेजते रहेंगे.'

अरविंद सुब्रमण्यन को 16 अक्टूबर 2014 को मुख्य आर्थिक सलाहकार बनाया गया था. तीन साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद केंद्र सरकार ने उनके कार्यकाल को एक साल और बढ़ाने का फैसला लिया था. केंद्र सरकार के फैसले के बाद उनके इस्‍तीफा देने की अटकलों पर विराम लग गया था. हालांकि केंद्र सरकार के इस फैसले का काफी विरोध भी किया जा रहा था. उन्‍हें आर्थिक मामलों में वित्‍तमंत्री अरुण जेटली का बेहद करीबी माना जाता है. वित्‍तमंत्री अरुण जेटली किसी भी आर्थिक नीतियों और योजनाओं में अरविंद सुब्रमण्‍यन की सलाह जरूर लेते थे.