अकबर विदेशी, विधर्मी नहीं हिन्दुस्तान की माटी में पला बढ़ा बादशाह था- डॉ. रमेश दीक्षित
लखनऊ: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-राकापा ने जारी एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा महाराणा प्रताप और बादशाह अकबर की तुलना किये जाने में इस्तेमाल किये गए शब्दो की कड़े स्वर में निंदा करती है और आगाह करती है सार्वजनिक मंचो से ऐसी तुलना से बहुधर्मी, बहुभाषी बहुसंस्क्रतिक भारत की मूल अवधारणा के खिलाफ है ।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रमेश दीक्षित ने जारी एक बयान में कहा कि इतिहास में महाराणा प्रताप का स्थान बहुत ऊंचा है। और आज भी भारतवासियों के हृदय में उनका सम्मान अपना स्थान बनाये हुए है जो कभी नहीं मिट सकता। परंतु साथ ही अकबर को भी हम विदेशी नहीं कह सकते, और विधर्मी कह कर उनका अपमान नहीं कर सकते। वह समय ही ऐसा था कि अपना साम्राज्य बढाने के लिए राजाओं में संघर्ष और युद्ध हुआ करता था। पूरे विश्व का इतिहास इस बात का गवाह है। यह बात राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ0 रमेश दीक्षित ने कही।
उन्होंने आगे कहा कि कल प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा एक पत्रिका के विमोचन पर जो व्याख्यान दिया गया वह अति निंदनीय है। आज उस प्रदेश का मुख्यमंत्री ऐसा अलगाव वादी और नफ़रत भरे बयान दे रहे हैं जिस प्रदेश के ही आगरा से अकबर का शासन चलता था।
अकबर और उसके पिता भारत में ही जन्मे और पले बढ़े। अकबर ने सदैव सर्वधर्म समभाव की पताका लहराई और जो भी शासन व्यवथा क़ायम की वह भारत वासियों के कल्याण के लिए थी न कि किसी धर्म विशेष के लिए। प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रमेश दीक्षित ने कहा कि बादशाह अकबर ने देश की सम्पदा, संपत्ति कभी देश से बाहर नहीं ले गए और ना ही लूटा , जो बनाया यही के लिए बनाया । अकबर ने देश को बनाने के काम किया और हिन्दुस्तान की सरहद का फैलाव किया। अकबर के मंत्री टोडर मल्ल ने देश में पहली बार ज़मीन को अधिकारिक रूप से मापने और अध्कारिक रूप से दस्तावेजो में दर्ज करने का काम किया । कमाल की बात है कि जिन अंग्रेजो ने देश को लूटा , यहाँ की सम्पदा बाहर ले गए उसके बारे में योगी-मोदी सरकार कभी कुछ नहीं कहती । संघ परिवार ने कभी भी अंग्रेजो के खिलाफ कुछ नहीं बोला , अपितु आज़ादी की लडाई में अंग्रेजो का साथ दिया । संघ परिवार और उनसे जुड़े लोग हमेशा उन लोगो के खिलाफ आग उगलती रही है जो यहं पैदा हुए है यह्ही दफ़न हुए । वो जिन्होंने ने देश को बनाने का काम किया और अंग्रेजो से जिनकी औलादे लड़ी उन्ही के खिलाफ आग उगलने का काम संघ परिवार करता रहा है ।
श्री दीक्षित ने कहा कि क्या मुख्यमंत्री बताएं गें कि, किसी देश के नागरिक होने के लिए कितनी पीढ़ियों का वास होना आवश्यक है। अकबर यही पैदा हुए और इसी मिटटी में खप गये, न ही उन्होंने यहां की सम्पदा को लूटा और न ही मंगोल ले गए, क्या अकबर के नव रत्नों में हिन्दू नहीं थे? क्या जन्माष्टमी उनके महल और दरबार में नहीं मनाई जाती थी। अकबर तुर्क नहीं मुग़ल वंश से थे, मुख्यमंत्रीं को अपने इतिहास के ज्ञान को भी दुरुस्त करने की ज़रूरत है।
डा0 दीक्षित ने कहा आज भारत को सांप्रदायिक शक्तियां नफ़रत के भाड़ में झोंकना चाहती हैं , मुख्यमंत्री को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिये कि दुनियां में यह सन्देश जाये की भारत फ़ासीवाद की तरफ़ जा रहा है। भारत संसार का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश है और इसे बचाये रखना हम सब का धर्म है। मुख्यमंत्री की ऐसे ग़ैर ज़िम्मेदाराना बयान की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी घोर निंदा करती हैं।