मुसलमानों का विश्वास हासिल करने के लिए अभी बहुत कुछ करना होगा : नकवी
नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि पिछले 70 वर्ष से मुसलमानों के जेहन में जो विष भरा गया है, वह काफी हद तक कम तो हुआ है लेकिन इसे पूरी तरह से खत्म करने के लिए बहुत कुछ करना होगा. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार बिना भेदभाव के, सम्मान के साथ अल्पसंख्यकों के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है.
नकवी ने कहा, ‘मोदी सरकार का विकास का मसौदा, वोट का सौदा नहीं है. पिछले चार वर्षों के दौरान हमारी सरकार ने अल्पसंख्यकों के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध पहल की है जिसका जमीन पर प्रभाव दिख रहा है.’ उन्होंने कहा कि बीजेपी वर्ष 2019 के चुनाव में तीन तलाक के विषय पर अपने प्रयासों को जनता के सामने रखेगी.
उन्होंने कहा कि सशक्तिकरण की पहल के कारण ही मुस्लिम बालिकाओं के बीच में ही स्कूल छोड़ने की दर 74 प्रतिशत से घटकर अब 42 प्रतिशत रह गई है. इसका एक प्रमुख कारण यह है कि पौने तीन करोड़ बच्चों को प्रत्यक्ष नकद अंतरण (डीबीटी) के तहत छात्रवृत्ति प्रदान की गई है. इसके कारण बिचौलियों की भूमिका खत्म हो गई है.
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा कि सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार और रोजगार का मौका मुहैया कराने का काम किया है. इसका गरीबों और कमजोर वर्ग के लोगों को काफी लाभ हुआ है जिसमें काफी संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग शामिल हैं. मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री से लेकर सरकार के सभी मंत्रियों द्वारा लगातार सम्पर्क एवं संवाद के माध्यम से समाज के सभी वर्ग के लोगों में विकास एवं विश्वास का माहौल पैदा करने की कोशिश की जा रही है.
उन्होंने कहा कि पिछले 70 वर्षों से मुसलमानों के जेहन में जो विष भरा गया है, वह काफी हद तक खत्म हुआ लेकिन अभी भी इस संदर्भ में बहुत कुछ करना होगा और मोदी सरकार बिना भेदभाव के सम्मान के साथ अल्पसंख्यकों के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है.
अल्पसंख्यक मंत्रालय के कार्यों का जिक्र करते हुए नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के माध्यम से देश के पिछड़े एवं अल्पसंख्यकों की अच्छी खासी आबादी वाले क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, जलापूर्ति, कौशल विकास के लिए आधारभूत ढांचे के विकास का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत नवोदय एवं केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर स्कूलों की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हुआ है. इस योजना के तहत अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में भवनों एवं सामुदायिक केंद्रों का निर्माण किया गया. इसके साथ ही समाज में सद्भाव एवं समरसता को बढ़ावा देने के लिये ‘सद्भाव मंडप’ की भी स्थापना की जा रही है.