काश्मीर पर मायावती की भाषा राष्ट्रविरोधियों सरीखी: राकेश त्रिपाठी
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने बसपा सुप्रीमों मायावती के काश्मीर नीति पर जारी बयान की कडे़ शब्दों में भत्र्सना की। श्री त्रिपाठी ने कहा कि काश्मीर विषय पर जो भाषा अलगाववादियों और पाकपरस्तों की है उसी तरह की भाषा का इस्तेमाल पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा किया जाना शर्मनाक है। प्रधानमंत्री पद का सपना संजोने वाली मायावती जी का इतना सतही बयान उनकी समझ पर गहरे व गम्भीर प्रश्न खडे़ करता है। मायावती जी को अपने इस बयान के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि एक तरफ जम्मू-काश्मीर में सरकार के प्रयासों का सुफल है कि काश्मीर के नौजवान लोक सेवा आयोग की परीक्षा के साथ-साथ प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे है, वहीं मायावती सरीखे नेता भारत के भीतर ही ऐसे बयान देकर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत विरोधी तत्वों की मदद करते दिख रहे है। मायावती जातीय राजनीति करती रही हैं, ऐसे संवेदनशील विषयों पर उनको बयान देते समय सावधानी बरतनी चाहिए। काश्मीर घाटी की तुलना पाकअधिकृत काश्मीर से करना बसपा सुप्रीमों का मानसिक दिवालियापन है। बसपा सुप्रीमों ने भारत की सेना व अन्य सुरक्षा बलों पर भी गम्भीर प्रश्न खडे़ किये है, जो आंतकियों से देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान भी दांव पर लगा दे रहे हैं।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि मायावती अब तक जातीय जहर बोती रही हैं लेकिन अब ऐसा बयान देकर उन्होंने अपनी हताशा दिखाई है। भाजपा का विरोध करते करते भारत का विरोध करने के व्यवहार से विपक्ष को बाज आना चाहिए।