लखनऊ। पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर (पीसीओडी) से पीड़ित महिलायें अब स्वस्थ बच्चों की मां सकेगी। इसके लिये उन्हें इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) की मदद लेनी होगी। उल्लेखनीय है कि इस बीमारी के कारण शरीर का वजन बढ़ने से अंडाशय में गांठे होने के कारण मां बनने में परेशानियां पैदा हो रही थी, लेकिन आईवीएफ ने इस समस्या को दूर कर दिया है। इंदिरा आईवीएफ सेंटर की स्त्री रोग विशेषज्ञ और आईवीएफ स्पेशलिस्ट डॉ. निधि सलूजा ने बताया कि जो महिलाएं पीसीओडी से ग्रसित हैं उनके लिए आईवीएफ के द्वारा मां बनना संभव है लेकिन अगर उनका वज़न ज्यादा है तो आईवीएफ प्रक्रिया की सफलता के लिए उन्हें अपने वज़न को नियंत्रित करना होगा। बॉडीमास इंडेक्स को फॉलो करना जरूरी है। क्योंकि पीसीऔ में हार्मोन असंतुलन के कारण की वनज बढ़ने की आशंका अधिक हो जाती है और वजन बढ़ने से कईं समस्याएं हो जाती हैं। वजन कम करने पर आईवीएफ के सफल होने की संभावना बढ़ जाती है और जटिलता होने की संभावना भी कम रहेगी। आईवीएफ ने संतानहीनता की समस्या से जूझ रहे लोगों के जीवन को आशाओं से भर दिया है। आईवीएफ का विकल्प चुनने से पहले अनुभवी व विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लें ताकि गलतफहमियों को दूर कर स्वस्थ्य संतान को जन्म दिया जा सके।