फीफा विश्व कप : मोरक्को के आत्मघाती गोल से ईरान को वर्ल्ड कप में मिली दूसरी जीत
सेंट पीटर्सबर्ग: फीफा विश्व कप के 21वें संस्करण में शुक्रवार को सेंट पीटर्सबर्ग स्टेडियम में ग्रुप-बी के मैच में ईरान ने मोरक्को को 1-० के अंतर से हरा दिया। इस जीत में हालांकि ईरान का हाथ नहीं था क्योंकि मोरक्को ने आत्मघाती गोल कर खुद अपनी किस्मत में हार लिखी।
मैच गोलरहित बराबरी की ओर बढ़ रहा था तभी इंजुरी टाइम (95वें मिनट में) ईरान को फ्री किक मिली जिसे एहसान साजी साफी ने बॉक्स के अंदर भेजा। गोलपोस्ट के सामने खड़े मोरक्को के अजिज बोउहादोउज ने हेडर के लिए गेंद को बाहर भेजना चाहा, लेकिन दुभार्ग्यवश वह गेंद को गोलपोस्ट के अंदर मार बैठे और ईरान को बिना मेहनत के जीत मिल गई। यह ईरान की विश्व कप में दूसरी जीत है। इससे पहले उसने 1998 में अमेरिका को मात देकर अपनी पहली जीत हासिल की थी।
ईरान ने इस मैच में अधिकतर समय गेंद अपने पास रखी लेकिन मौके बनाने के मामले में मोरक्को आगे रही, हालांकि मौको को वो गोल में तब्दील करने में असफल रही। मैच के शुरुआती 2० मिनट में पूरी तरह से मोरक्को का जलवा था जिसने ईरान के डिफेंस को बिखेर दिया था। शुरुआती विफलता के बाद ईरान ने अपने आप को संभाला और कमजोर डिफेंस की भरपाई आक्रामण पंक्ति को मजबूत कर की।
मोरक्को ने दूसरे मिनट में ईरान के खेमे में हमला बोला और अमिने हरित ने गोल करने का प्रयास किया, जो विफल रहा। ईरान ने शुरुआती असफलता के बाद अपने आप को संभाला और 25वें मिनट में अजमोउन ने सेंटर से एक बेहतरीन मौका ईरान के लिए बनाया। गोल हालांकि हो नहीं सका क्योंकि अजमोउन गेंद को बाहर खेल बैठे थे।
खेल में सुधार कर गोल करने की कोशिशें में लगी ईरान के पास इस हाफ का सबसे अच्छा और सरल मौका 43वें मिनट में आया। अजमोउन मिडफील्ड से गेंद लेकर दाएं कोने से आगे बढ़े। उनके पास गोलकीपर मुनीर मोहामेदी को छकाने का वन-टू-वन शानदार मौका था लेकिन मुनीर ने उनके शॉट को लेकर ईरान को गोल से महरूम ही रखा।
49वें मिनट बाद में बी अमराबत ने मोरक्को के लिए एक और मौका बनाया और गेंद बाएं छोर से हरित को दी जिन्होंने गेंद को बाहर मार गोल करने का मौका गंवा दिया। अंत के 2० मिनट में दोनों टीमों ने कुछ बदलाव किए। हालांकि यह बदलाव दोनों टीमों को गोल नहीं दिला पाए। तय समय में गोल नहीं हो सका। मैच के इंजुरी टाइम में ईरान की किस्मत मोरक्को की किस्मत पर भारी पड़ गई और उसे विश्व कप इतिहास की दूसरी जीत नसीब हुई।