RBI का सरकारी बैंकों पर पूरा कंट्रोल नहीं: उर्जित पटेल
नई दिल्ली: बैंकिंग सिस्टम, एनपीए और बैंक फ्रॉड जैसे मुद्दों पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर उर्जित पटेल संसदीय स्थायी समिति के सामने पेश हुए. मंगलवार को वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाली समिति को उन्होंने सभी मुद्दों पर अपने जवाब सौंपे. उर्जित पटेल ने सभी जवाब लिखित में दिए हैं. सूत्रों के मुताबिक, उर्जित पटेल ने कहा है कि आरबीआई के पास पर्याप्त शक्तियां नहीं हैं. पब्लिक सेक्टर बैंक पर आरबीआई का पूरी तरह से नियंत्रण नहीं है. इसलिए आरबीआई के लिए यह मुमकिन नहीं कि वह बैंकों की सभी ब्रांच पर नजर रख सके.
समिति ने पटेल से फंसे कर्ज, बैंक फ्रॉड और नकदी के समस्या पर कई तरह के सवाल पूछे. पटेल ने समिति को सिस्टम के मजबूत करने का भरोसा दिलाया. समिति ने पटेल से पूछा की नीरव मोदी कैसे रिजर्व बैंक की नजरों से बच गया. साथ ही बढ़ते एनपीए को लेकर रिजर्व बैंक क्या कर रहा है ये सवाल भी पूछा गया.
सूत्रों के मुताबिक, पटेल ने कहा कि दिवालिया कानून से स्थिति सुधर रही है. फंसा कर्ज कम हो रहा है. विवादों के समाधान के लिए सिस्टम बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हम संकट से निकल जाएंगे. पटेल के मुताबिक, रिजर्व बैंक एनपीए के मुद्दे को सुलझाने के लिए ठोस कदम उठा रहा है. हालांकि, संसदीय समिति ने पटेल से पूछा कि हाल में एटीएम से कैश कैसे गायब हो गया. बैंक फ्रॉड को रोकने के लिए अभी तक कदम क्यों नहीं उठाए गए हैं.
नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक में 13500 करोड़ रुपए का घोटाला करने का आरोप है. बैंकों का फंसा कर्ज बढ़ रहा है. समिति के सामने आखिरी बार पेश हो रहे गवर्नर पटेल से संसद की समिति ने लोन रिस्ट्रक्चरिंग कार्यक्रम को लेकर भी सवाल पूछे. हाल ही में कई राज्यों में नकदी की कमी के चलते एटीएम में पैसे खत्म हो गए थे. इस कारण लोगों को दिक्कत उठानी पड़ी थी.
गौरतलब है कि 8 नवंबर, वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एकाएक नोटबंदी की घोषणा की थी. पीएन ने 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बंद किए जाने की घोषणा की थी. इसके बाद ही इस संसदीय समिति का गठन किया गया था.