नई दिल्ली: दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्‍यपाल के बीच मनमुटाव ने टकराव का रूप ले लिया है। केजरीवाल अपने मंत्रिमंडल के कुछ सहयोगियों के साथ उपराज्‍यपाल अनिल बैजल के आवास पर धरने पर बैठ गए हैं। सीएम केजरीवाल कामकाज का बहिष्‍कार करने वाले वरिष्‍ठ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनका आरोप है कि उपराज्‍यपाल इस मामले पर ढीला-ढाला रवैया अपना रहे हैं। किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही है। सीएम केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘मैंने उपराज्‍यपाल को मांगपत्र सौंपा था, लेकिन उन्‍होंने कार्रवाई करने से इनकार कर दिया। कार्रवाई करना उपराज्‍यपाल का संवैधानिक दायित्‍व है। ऐसे में उन्‍होंने मेरे पास कोई और विकल्‍प नहीं छोड़ा। हमलोगों ने विनम्रता के साथ उपराज्‍यपाल से कहा कि वह जब तक सभी बिंदुओं पर कदम नहीं उठाएंगे तब तक हम यहां से कहीं नहीं जाएंगे। हमलोग उपराज्‍यपाल के चैंबर से निकलकर उनके वेटिंग रूम में बैठ गए हैं।’ केजरीवाल के साथ उपमुख्‍यमंत्री मनीष सिसोदिया, कैबिनेट मंत्री गोपाल राय और सतेंद्र जैन भी हैं। सीएम केजरीवाल की मानें तो उपराज्‍यपाल ने आईएएस अफसरों को हड़ताल खत्‍म कर काम पर लौटने का आदेश देने की उनकी मांग को मानने से इनकार कर दिया है। बता दें कि दिल्‍ली के मुख्‍य सचिव अंशु प्रकाश के साथ सीएम आवास में कथित मारपीट के बाद से ही दिल्‍ली के आईएएस अफसर हड़ताल पर हैं।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने ताबड़तोड़ कई ट्वीट कर अपना पक्ष स्‍पष्‍ट करने की कोशिश की है। उन्‍होंने उपराज्‍यपाल अनिल बैजल के समक्ष प्रस्‍तुत मांग के बारे में जानकारी दी है। केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘मैं उपमुख्‍यमंत्री मनीष सिसोदिया, सतेंद्र जैन और गोपाल राय के साथ उपराज्‍यपाल से मुलाकात की और तीन मांग उनके समक्ष रखा। पहला, दिल्‍ली में पिछले 4 महीनों से आईएएस अफसर हड़ताल पर हैं, उन्‍हें काम पर लौटने का निर्देश दिया जाए। दूसरा, उन आईएएस अफसरों को दंडित किया जाए जिन्‍होंने चार महीनों से काम रोक रखा है। तीसरा, दरवाजे पर जाकर राशन पहुंचाने की योजना के क्रियान्‍वयन को मंजूरी दी जाए।’ एक अन्‍य ट्वीट में उन्‍होंने लिखा, ‘स्‍वतंत्र भारत के इतिहास में यह पहला मौका है जब आईएएस अधिकारी हड़ताल पर हैं। क्‍यों?’ घर जाकर राशन पहुंचाने की योजना पर टिप्‍पणी करते हुए उन्‍होंने लिखा, ‘घर पर जाकर राशन पहुंचाने की योजना को क्‍या लागू नहीं होना चाहिए? क्‍या इससे जनता की मदद नहीं होगी? क्‍या इससे भ्रष्‍टाचार खत्‍म नहीं होगा? हमलोग पिछले कई महीनों से माननीय उपराज्‍यपाल से इसकी मंजूरी देने की मांग कर रहे हैं, लेकिन वह ऐसा करने से इनकार कर रहे हैं।’