पटना: आरजेडी नेता और लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप ने कल शनिवार को अपनी ही पार्टी के कुछ नेताओं पर हमला बोला था और कहा था कि पार्टी के कुछ सीनियर नेता युवा कार्यकर्ताओं की अवहेलना कर रहे हैं. तेजप्रताप ने सीधे तौर पर आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे पर कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया था.

साथ ही उन्होंने छोटे भाई तेजस्वी यादव के बारे में कहा था, "वो मेरे कलेजे का टुकड़ा है. तेजस्वी मेरा अर्जुन है और उसे मैं राजगद्दी पर बैठाकर खुद द्वारिका चला जाऊंगा." साथ ही तेज प्रताप ने कहा था, "पार्टी में कुछ असामाजिक तत्व आ गए हैं, जो पार्टी को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. लोग तेजस्वी और हमारे परिवार के लोगों का नाम इस्तेमाल कर पार्टी को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं."

24 घंटे बाद तेजस्वी यादव ने इस पूरे मामले पर चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने कहा, 'यह तो पूरी तरह से स्पष्ट है कि तेजप्रताप जी ने पार्टी की मजबूती के लिए बात कही है. उन्होंने 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव और 2020 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी में एकता कैसे बढ़ाई जाए और उसे मजबूत कैसे किया जाए, इस संबंध में अपनी बात रखी है. वह मेरे भाई हैं और मेरा मार्गदर्शन करते हैं.'

उन्होंने आगे कहा, "सभी पार्टी को मजबूती प्रदान करने के लिए काम कर रहे हैं. हमें तिल का ताड़ नहीं बनाना चाहिए. हमें शिक्षा में हो रही गड़बड़ी पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. किस तरह से छात्रों को 35 में से 38 नंबर दिए गए हैं. यदि आप इन सब पर ध्यान नहीं देते हैं तो बिहार में लाभ नहीं होने वाला."

आपको बता दें कि तेजस्वी यादव ने कहा था कि 'पार्टी के लोग मेरी भी बात नहीं सुनना चाहते. भाई से भाई को लड़वाने की कोशिश कर रहे हैं. मगर किसी भी कीमत पर पार्टी को तोड़ने नहीं दिया जाएगा.' तेजस्वी ने रामचंद्र पूर्वे पर अनदेखी करने का आरोप लगाया है.