लखनऊ: उत्तर प्रदेशीय चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ के उप महामंत्री सुरेश सिंह यादव ने आज सीधे सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में लगभग 3.50 लाख पद चतुर्थ श्रेणी के रिक्त है। जिनके सापेक्ष आऊट सोर्सिग और ठेकेदारी का खेल चल रहा है। प्रदेश के कुछ अधिकारी और ठेकेदार मिलकर विभिन्न विभागों में कार्यदायी संस्थाओं के माध्यम से चतुर्थ श्रेणी के पदों पर बेरोजगार युवकों को लगाकर सरकार और उक्त ठेका कार्मिकों से जमकर कमीशन बटोर रहे है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की कि विभिन्न विभागों में लाखो की संख्या में कार्य कर रहे ठेका कर्मचारियों इनके कार्यदायी संस्थाओं के मालिको और अफसरों के गठजोड़ की उच्च स्तरीय जाॅच कराई जाए। उन्होंने कहा कि एक षड़यंत्र और मोटी कमाई तह्त प्रदेश में चतुर्थ श्रेणी की भर्ती नही होने दी जा रही है।

महासंघ के उप महामंत्री सुरेश ने आगे कहा कि चतुर्थ श्रेणी की भर्ती न होने से इस संवर्ग में निराशा है। अल्प वेतन के बीच किसी तरह चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी अपने बच्चों को इतनी ही शिक्षा दिला पाता था कि वह चतुर्थ श्रेणी के पद पर सेवा कर अपनी जीवकापर्जन कर सके लेकिन चंद अफसरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने प्रदेश के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का यह हक भी छीन लिया। उन्होंने अपने इस आरोप को पुनः दोहराया कि कार्यदायी संस्था और ठेकेदारों के माध्यम से जितने भी कर्मचारी काम कर रहे है उन्हें निर्धारित मानदेय का भुगतान नही किया जा रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि नियमानुसार जिस विभाग में जितने स्वीकृत पद चले आ रहे है उनकी वस्तुस्थिति का अविलम्ब अवलोकन करते हुए प्रदेश में चतुर्थ श्रेणी की बम्पर भर्ती का ऐलान किया जाए। उन्होंने कहा कि लम्बित समस्याओं के संदर्भ में लगातार मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव स्तर पर प्रत्यावेदन प्रस्तुत करने के बावजूद किसी तरह का कोई निर्णय या वार्ता न होने के कारण महासंघ ने प्रान्तीय बैठक के उपरान्त आन्दोलन का निर्णय लिया है। इसके क्रम में 4 जून 18 से लेकर 12 जून 18 तक प्रतिदिन राजधानी के सभी विभागों के मुख्यालयों एवं जनपद मुख्यालयों पर गेट सभा का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने 21 सूत्रीय मांगों में से मुख्य मांगों पर चर्चा करते हुए बताया कि चतुर्थ श्रेणी समूह ‘‘घ’’ की सीधी भर्ती अविलम्ब शुरू कराई जाए। चतुर्थ श्रेणी संवर्ग में आउट सोर्सिग एवं संविदा व्यवस्था तत्काल समाप्त कर आउट सोर्सिग एवं ठेके पर कार्यरत कर्मचारियों को नियमित किया जाए। समस्त विभागों में दैनिक वेतन/ वर्कचार्ज से नियमित कयिे गए कर्मचारियों को पूर्व में की गयी सेवा को जोड़कर पेंशन ग्रेच्युटी तथा वेतन संरक्षण का लाभ दिया जाए। नई पेंशन नीति को तत्काल समाप्त करते हुए पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल की जाए। वेतन संशोधन उच्चीकरण के अन्तर्गत 5200-20200 ग्रेड वेतन रूपये 1800 के स्थान पर प्रदेश के चतुथे श्रेणी कार्मिकों को 5200-20200 ग्रेड वेतन 1900 दिया जाए। पंचायती राज के अधीन कार्यरत पंचायत सफाई कर्मचारियों को ग्राम पंचायत अधिकारी के पद पर पदोन्नति दी जाए।