सुल्तानपुर: दबंगों के कहर से पलायन को मजबूर दलित
सुलतानपुर। अभी कुछ ही दिनों पूर्व सूबे के भाजपाइयों का दलित प्रेम उबाल
मार रहा था । भाजपाइयों का प्रेम इस कदर उमड़ा कि उनके घरों पर खाना खाने
लगे और रात्रि विश्राम करने लगे। इस दलित प्रेम को जहां राजनैतिक पंण्डित
ढकोसला मानने लगे वहीं भाजपा समर्थक इससे दलितों के भाजपा से जुड़ने की
बातें करते रहे। भाजपाइयों ने भले ही दलितों के यहां खाना खाने का नाटक
किया लेकिन खाना बनाने वाला बावर्ची कोई और होता था। यही नहीं दलित के
कुंए या हैण्डपम्प व बर्तन से पानी पीने के बजाय बिसलेरी साथ ले जाकर
दलित प्रेम दर्शाते रहे। दलितों के साथ भाजपाइयों का प्रेम थाना चांदा
क्षेत्र के खानपुर गांव में इस कदर बढ़ा कि ठाकुरों की दबंगई के चलते दलित
गांव से पलायन को मजबूर हो रहे है। पुलिस है कि पीड़ितों की सुनवाई नहीं
कर रही है।
बताते चलें कि सूबे में जब से भगवा रंग चढ़ा है तब से एक जाति
विशेष ’दलित वर्ग के लोगो के लिए क्षत्रिय काल बन कर उभर रहे है अभी
कैराना जनपद में घर से लोग पलायन को मजबूर थे, उसी तर्ज पर सुलतानपुर
जनपद में चांदा थाना क्षेत्र के खानपुर गांव में भी क्षत्रियों के
दादागिरी के चलते दलित अपने अपने घरों से पलायन करने को मजबूर हो रहे
हैं। क्षत्रियों की दबंगई से आहत दलितों ने जिले की अपर पुलिस अधीक्षक से
लेकर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग लखनऊ से न्याय की गुहार लगाईं है।
सुल्तानपुर जिले के चांदा थाना क्षेत्र के खानपुर गाँव का है जहाँ
बीती 24 मई को एक दलित परिवार का लड़का नाई की दुकान पर अपना बाल कटवाने
के लिए नम्बर लगा कर बैठ हुआ था लेकिन उसी गाँव के ठाकुर (क्षत्रिय) का
लड़का आकर बिना नम्बर के अपने बाल को कटवाने के लिए दुकान पर बैठ जाता है,
और जब इसका बिरोध दलित का लड़का करता है, तो उसको मार-मार के अधमरा कर
दिया जाता है, लोग तमाशबीन बने रहते है न कोई उस दलित के लड़के को बचाने
की कोशिश करता है और न ही ठाकुर के लड़के को मना करता है, लेकिन जब दलित
लड़का अपने गांव जाकर अपने परिजनों से बताता है तो उसके परिजन ठाकुर के घर
पर जाकर उनके लड़के की करतूत बताते हैं, तो ठाकुर साहब का गुस्सा सातवें
आसमान में पहुँच जाता है और उसी समय उसके परिजनों की पिटाई करवा देते
हैं, और जातिसूचक गालियो से नवाज कर उसको विदा करते हैं । जब पीड़ित दलित
अपने दर्द को लेकर अपने ही क्षेत्र के थाने पर पहुँचता है तो थानेदार
उसकी तहरीर पर गम्भीर धाराओ में मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की बात तो करते
हैं, लेकिन जब यह बात ठाकुर को पता चलती है तो उनका पारा फिर से सातवें
आसमान को छूने लगता है और फिर वही से दहशत का माहौल बनाना शुरू कर देते
है और दलित के परिवार व पड़ोसियों को एक बार फिर से मारने पीटने का काम
शुरू कर दिया जाता है और धमकी दी जाती है कि सरकार हमारी है और सत्ता भी
हमारी है तुम लोगो को हमारा जो करना हो कर लो।
थाने पर नहीं सुनी गयी तो पहुंचे एसपी दफ्तर
चांदा थाने पर जब दलितों की नही सुनी गयी तो वो न्याय की आस में
पूरे गाँव के साथ मिलकर सुलतानपुर अपर पुलिस अधीक्षक से मिल कर अपनी
व्यथा बताते है हम लोगो के साथ क्या-क्या हो रहा है, तो अपर पुलिस
अधीक्षक मीनाक्षी कात्यायन के द्वारा उनको सिर्फ सांत्वना ही दी गयी कि
जाँच कराकर कार्यवाही कराएँगे।
पखवारे भर से ढाया जा रहा दलितों पर कहर
बताया जाता है कि पिछले लगभग 15 दिनों से क्षत्रियों के कहर से
गरीब दलित परिवार अपने-अपने घरों से पलायन करने को मजबूर हैं, जबकि ये
सारी घटना पुलिस प्रशासन के संज्ञान में है और दबंग क्षत्रियों के खिलाफ
विभिन्न धाराओं में मुकदमा भी पंजीकृत हुआ है। बावजूद दलितों को पुलिस
प्रशासन की तरफ से 15 दिनों से सिर्फ आश्वाशन और सांत्वना के सिवाय कुछ
नहीं मिल रहा है। लगता है कि पुलिस प्रशासन द्वारा दबंग क्षत्रियों को
गिरफ्तार न करके यह साबित किया जा रहा है कि सत्ता और सरकार का दबाव
कहीं न कहीं उन पर है। अगर ऐसा ही रहा तो वो दिन दूर नही जब सुल्तानपुर
का चांदा भी कैराना बनने पर मजबूर हो जाएगा।
क्या कहती हैं एसपी सिटी
एसपी सिटी मीनाक्षी कात्यायन का कहना है कि कुछ दिन पहले दलितों और
क्षत्रियों के बीच भिड़न्त हुई थी। वह मौके पर जांच करने पहुंची थी। इस
मामले में पड़ताल चल रही है। दबंगों के खिलाफ कठोर कार्यवाही होगी।