कालाधन पर ईनाम योजना बनेगी भ्रष्टाचारियों के लिए शामत: शलभ मणि त्रिपाठी
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कालेधन को लेकर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की अगुवाई में केंद्र सरकार ने एक और निर्णायक लड़ाई छेड़ते हुए काले धन की सूचना देने पर ईनाम का ऐलान कर ऐतिहासिक कदम उठाया है। इस फैसले से भ्रष्टाचारियों में एक बार फिर खलबली मच गई है। भ्रष्टाचार के खात्मे और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की दिशा में इस कदम के दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे। नोटबंदी, डिजिटल लेनदेन और फर्जी कंपनियों की धरपकड़ के बाद कालेधन की बरामदगी़ के लिए ईनामी योजना चलाकर प्रधानमंत्री जी ने साफ संदेश दिया है कि आम जनता की गाढ़ी कमाई हड़पने वाले लोग किसी भी हाल में बचने वाले नहीं है। इस शानदार फैसले के लिए प्रधानमंत्री जी और केंद्र की सरकार बधाई की पात्र है।
प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि बेनामी सम्पत्ति और अवैध लेन-देन करने वालों पर नकेल कसने के लिए केन्द्र सरकार ने फैसला किया है कि जो भी कालेधन की सूचना देगा उसे ईनाम के तौर पर पकड़े जाने वाले धन में से 50 लाख रूपये से लेकर 5 करोड़ रूपये तक की ईनाम राशि दी जायेगी। इस नई योजना से भ्रष्टाचारियों के होश उड़ गये है और उनमें दहशत है। इतना ही नहीं भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कानून को और सख्त करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की अगुवाई में यह प्रावधान भी किया गया है कि भ्रष्टाचारियों को 7 साल तक की सजा दिलाई जा सके।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि भ्रष्टाचारियों के खिलाफ केन्द्र सरकार की कार्रवाईयों में पिछले 4 सालों के दौरान बड़ी सफलताएं मिली है। तमाम भ्रष्ट नेताओं के साथ ही साथ भ्रष्ट नौकरशाहों को भी जेल की हवा खानी पड़ी है। कई ऐसे है जो भ्रष्टाचार के आरोप में जांच एजेंसियों के दफ्तरों से लेकर अदालत तक के चक्कर काट रहे हैं। ये सारा कुछ मोदी सरकार में ही मुमकिन हो पाया है। बड़े पैमाने पर फर्जी कम्पनियां भी जब्त की गई हैं। इसी दिशा में कालाधन बरामद करवाने के लिए ईनाम की ये योजना उन लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई है, जिन्हें भ्रष्टाचारियों के कालेधन की जानकारी तो होती है पर किन्ही कारणों से वे उसका खुलासा नहीं करते हैं। खास बात यह कि विदेशों में जमा अघोषित कालेधन की जानकारी देने पर 5 करोड़ तक की ईनाम राशि रखी गई है। सूचना देने वाले की हिफाजत के लिए इस बात के कड़े प्रावधान किये गये हैं कि उसकी पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जायेगी।